देहरादून ब्यूरो। आबकारी विभाग ने फ्राइडे को सिटी से लगते डांडा लखौंड में शराब के ठेके पर छापा मारा। विभाग के कर्मचारी कस्टमर बनकर ठेके पर गये और बीयर खरीदी। सेल्समैन ने 20 रुपये ज्यादा वसूले। इसी दौरान सक्षम अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये और ओवर रेटिंग करते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के कारण दुकान पर 75 हजार रुपये जुर्माना ठोंक दिया। इससे पहले भी कई दुकानों का इंस्पेक्शन किया जा चुका है और जुर्माना भी लगाया जा चुका है। लेकिन, यह पहला मौका है जब आबकारी विभाग ने गुपचुप तरीके से कस्टमर बनकर कार्रवाई की।
हर दुकान पर अब भी ओवर रेटिंग
बेशक आबकारी विभाग लगातार शराब की दुकानों पर कार्रवाई कर रहा हो, जुर्माना भी लगा रहा हो, लेकिन इसके बावजूद शहर में शराब की ज्यादातर दुकानों पर खुले आम ओवर रेटिंग की जा रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब ह्विस्की के क्वार्टर पर 10 रुपये ज्यादा वसूले जाने के बाद दुकान पर टंगे बैनर की तरफ सेल्समैन का ध्यान दिलाया तो सेल्समैन को कहना था, ओवर रेटिंग तब तक खत्म नहीं हो सकती, जब तक ऊपर रिश्वत भेजना बंद नहीं हो जाता।
कितना सच कह रहा सेल्समैन
क्या सेल्समैन सच बोल रहा है, यह हम तस्दीक नहीं कर पाये, लेकिन यदि ऐसा आरोप सामने आया है कि प्रशासन और उच्चाधिकारियों को इस पर ध्यान जरूरी देना चाहिए। यदि वास्तव में ऊपर किसी को रिश्वत देनी पड़ती है तो इसका खुलासा किया जाना चाहिए। एक सेल्समैन से जब पूछा गया कि जुर्माना भरने के बाद भी ओवर रेटिंग क्यों करते हो तो उसका कहना था कि जुर्माने की रकम भी इसी ओवर रेटिंग से भरनी पड़ती है।
सेल्समैन को बता रहे जिम्मेदार
पिछले दिनों ओवर रेटिंग के मामले में एक बात यह भी सामने आई कि ओवर रेटिंग में शराब व्यवसायी का हाथ नहीं होता, बल्कि सेल्समैन ऐसा करते हैं, क्योंकि उन्हें सैलरी कम मिलती है और टाइम पर नहीं मिलती। डीएम ने शराब व्यवसायियों को समय पर सैलरी देने के आदेश दिये थे।
ऑनलाइन पेमेंट पर भी ओवर रेटिंग
आम कस्टमर्स का कहना है सेल्समैन द्वारा ओवर रेटिंग किये जाने की बात सच नहीं हो सकती। कैश पेमेंट में बेशक सेल्समैन गड़बड़ी कर सकता है। ज्यादा वसूल किया गया पैसा जेब में रख सकता है, लेकिन ऑनलाइन पेमेंट तो सीधे मालिक के खाते में जाती है, ऐसे में ओवर रेटिंग की जिम्मेदारी सेल्समैन पर थोपना सिर्फ बड़े व्यवसायियों को बचाने का प्रयास है।
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शराब की ओवर रेटिंग के खिलाफ लगातार छापेमारी का अभियान चलाया जा रहा हैै। यह अभियान तब तक जारी रखा जाएगा, जब तक शराब व्यवसायी ओवर रेटिंग बंद नहीं कर देते।
डॉ। आर। राजेश कुमार, डीएम, देहरादून