- सामूहिक दुष्कर्म के पांचों आरोपियों को भेजा गया बाल सुधार गृह
- कोर्ट ने पैरेंट्स को बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की दी नसीहत
DEHRADUN: आठ साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले पांचों नाबालिग आरोपियों को सोमवार को किशोर न्याय बोर्ड के प्रमुख मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। इसके बाद सभी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया। कोर्ट ने नाबालिगों के इस कृत्य को अक्षम्य करार दिया। कोर्ट ने पैरेंट्स को बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की नसीहत दी। बच्चों के मोबाइल में अश्लील फिल्म कहां से आई, इसकी जांच के आदेश कोर्ट ने पुलिस को दिए हैं।
बच्ची से किया था सामूहिक दुष्कर्म
सहसपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में नौ से 14 साल के बच्चों ने मोबाइल पर अश्लील फिल्म देखने के बाद पड़ोस की आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। बच्ची को घर में अकेला देखकर एक आरोपी उसे टॉफी खिलाने के बहाने अपने घर ले आया था। जिसके बाद सभी पांच नाबालिगों ने बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म किया। शुक्रवार दोपहर हुई इस घटना का शनिवार शाम तब खुलासा हुआ, जब बच्ची के गुमशुम रहने और खाना न खाने पर उसकी मां ने कारण जानना चाहा। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने रविवार को पांचों नाबालिग आरोपितों को हिरासत में ले लिया था। सोमवार को पुलिस ने पांचों आरोपितों को किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट भवदीप रावत के समक्ष पेश किया। मजिस्ट्रेट ने पांचों नाबालिगों से अलग-अलग बयान लिए। इसके बाद उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया। थानाध्यक्ष नरेश राठौड़ के मुताबिक कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इतनी कम उम्र में बच्चों ने जिस योजनाबद्ध तरीके से जघन्य अपराध किया है, वह क्षम्य नहीं है। कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि इतने छोटे बच्चों की ऐसी सोच, इससे इंगित हो रहा है कि समाज किस गलत दिशा में जा रहा है। कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि बच्चों के सबसे पहले संरक्षक माता-पिता हैं। वे बच्चों से मोबाइल फोन को दूर रखें। इधर, सोमवार को बच्ची का मेडिकल कराया गया।