देहरादून (ब्यूरो)
नदियों में बाढ़ को देखते हुए 15 जून से 30 सितंबर तक प्रशासन ने खनन कार्य बंद किया था। खनन पट्टों से चुगान न होने से रेत, बजरी, बोल्डर और मिट्टी आदि का संकट खड़ा हुआ। हालांकि अवैध तरीके से खनन कार्य चलता रहा, लेकिन डिमांड अधिक होने से ईंट, रेत और बजरी के दाम में भारी इजाफा होने से सरकारी निर्माण कार्य पूरी तरह बंद रहे।

रेत-बजरी की शार्टेज, वसूल रहे महंगे दाम
प्रशासन ने 1 अक्टूबर से निर्माण कार्य खोलने के आदेश जारी किए हैं। पिछले एक सप्ताह से खनन का कार्य लीगल तरीके से शुरू होने से सप्लाई बढ़ गई है। मार्केट में नया रेत-बजरी धीरे-धीरे आनी शुरू हो गई है। हालांकि डिमांड के अनुरूप रेत-बजरी की अभी सार्टेज चल रही है, जिससे भंडारणों में जमा रेत-बजरी को अभी भी महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। इस पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है।

यमुना पर पूरा दारोमदार
दून समेत आस-पास के इलाकों में यमुना नदी पर खनन का पूरा दारोमदार है। यह नदी खनन का एक मात्र सबसे बड़ा जरिया है। इसके अलावा अन्य नदियों पर भी खनन कार्य चलता है, लेकिन यमुना की रेत-बजरी की बड़ी डिमांड है। जब राज्य में खनन पर रोक लगाई गई थी, तो इसी नदी पर हिमाचल प्रदेश की ओर खनन खुला हुआ था। तब यहां से बड़ी तादाद में सैकड़ों ट्रक हिमाचल की सीमा से दून पहुंचे, लेकिन डिमांड अधिक होने से इसके रेट काफी हाई थे।

सौंग और जाखन में खनन के लिए मंजूरी
दून की कुछ नदियों में अभी भी खनन कार्य अभी नहीं खुले हैं। वन निगम की सौंग, जाखन एक और दो से केंद्र की परमिशन खत्म होने से 2019 से खनन कार्य बंद है। इन नदियों पर केंद्र से वाइल्ड लाइफ क्लियरेंस मिलना है। वन विभाग इस संबंध में लगातार शासन से पत्र लिख रहा है। वन निगम के एमडी सुबुद्धि ने बताया कि केंद्र से जल्द अनुमति की उम्मीद है। अनुमति मिलते ही सौंग और जाखन में खनन कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

30 परसेंट तक सस्ती होगी रेत-बजरी
खनन कार्य शुरू होने से दून में रेत, बजरी और बोल्डर के रेट 30 से लेकर 40 परसेंट तक कम होंगे। लोगों को आसानी से रेत-बजरी की उपलब्धता होगी। अभी नदियों में पूरी तरह से खनन कार्य शुरू नहीं हो पाया है, जिससे डिमांड अधिक है। जल्द ही खनन सप्लाई सामान्य होने की बात की जा रही है।