देहरादून,(ब्यूरो): सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सैन्य धाम के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 15 अक्टूबर तक का समय दिया है। सीएम ने इसके लिये आगणित 94 करोड़ की धनराशि के तहत ही निर्माण कार्य संपन्न कराने के भी निर्देश दिये हैं। सैन्य धाम के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता में भी किसी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश कार्यदायी संस्था व इंजीनियर्स को दिए हैं।

सीएम के निर्देश
-कठुआ जम्मू कश्मीर में शहीद प्रदेश के वीर शहीदों के आश्रितों को शीघ्र किया जाए सेवायोजित
-5 शहीदों के गांवों के आस-पास सड़क व स्कूलों के नाम इन वीर शहीदों के नाम पर रखे जाने का बनाया जाए प्रस्ताव
-सैन्य धाम के निर्माण के बाद एमडीडीए करेगा उसका रखरखाव व संचालन।
-सैन्य धाम के निर्माण में आ रहे भूमि विवाद के समाधान के लिए डीएम दून को निर्देश।
-कहा, हमारा प्रदेश देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है।
-सैन्य धाम सैनिकों के सम्मान व राज्य की समृद्ध सैन्य परंपरा का भी प्रतीक।
-सैन्यधाम प्रदेश के युवाओं का भी प्रेरणा स्थल बनेगा।

आर्थिक सहायता बढ़ाये जाने का प्रस्ताव बनाया जाए
सीएम ने फ्राइडे को सचिवालय में सैन्य धाम निर्माण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। कहा, इस कार्य में अब और अधिक लेट न हो, इसके लिये सैनिक कल्याण मंत्री को सैन्य धाम के निर्माण कार्यों का लगातार अनुश्रवण करने के लिए कहा है। सीएम ने कहा कि शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता बढ़ाये जाने का प्रस्ताव बनाये जाने के लिए भी कहा है। कठुआ, जम्मू कश्मीर में शहीद प्रदेश के पांचों वीर शहीदों के आश्रितों सहित इस तरह के समस्त मामलों में सरकारी सेवा में सेवायोजित करने की कार्यवाही तत्काल करने के निर्देश दिये।

एमडीडीए को संचालन का जिम्मा
सीएम ने इस तरह के प्रकरणों में भविष्य में ऐसी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए कि सरकारी सेवा में सेवायोजित करने का कार्य बिना विलंब के किया जाए। इसके लिये समय सीमा तय कर दी जाए। 5 शहीदों के गांवों के आस-पास सड़क व स्कूलों के नाम इन वीर शहीदों के नाम पर रखे जाने की भी शीघ्र कार्यवाही अमल में लाये जाने के निर्देश दिए। ये भी स्पष्ट किया कि सैन्य धाम के निर्माण के पश्चात एमडीडीए को उसके रखरखाव व संचालन की जिम्मेदारी दिये जाने की बात कही।

जारी ओदश निरस्त होगा
बैठक में सैन्य धाम के 500 मीटर की परिधि में निर्माण कार्य प्रतिबंधित किये जाने संबंधी जारी आदेश को निरस्त किये जाने के भी निर्देश दिए। वहीं, इस व्यवस्था को युक्ति संगत बनाये जाने पर भी निर्णय लिया गया।

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