देहरादून, (ब्यूरो): शिक्षा विभाग में अक्षम शिक्षकों के साथ ही अब अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को ऐसे कार्मिकों की सूची तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का चयन कर क्लस्टर स्कूलों में समायोजन की प्रक्रिया में तेजी लाने को भी कहा गया है। इसके अलावा स्कूलों में दुर्गम सुगम श्रेणी कोटिकरण का पुनर्निरीक्षण करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

दायित्व निर्वहन में अक्षम

शिक्षा मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें उन्होंने विभागीय कार्यों में तेजी लाने व गुणवत्ता बनाये रखने के लिए अक्षम अधिकारियों और कार्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के लिए चिन्हित करने के निर्देश दिए। बताया, शिक्षा बड़ा विभाग होने के नाते कई अधिकारी कर्मचारी व शिक्षक गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के कारण अपने कार्य व दायित्वों का निर्वहन सही से करने में अक्षम हैं। जिसका प्रतिकूल प्रभाव विभागीय कार्यों पर पड़ रहा है। इन्ही तथ्यों के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के क्रम में अपने कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में अक्षम शिक्षकों के साथ कार्मिकों व अधिकारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

गैरहाजिर शिक्षक होंगे बर्खास्त

इसके अलावा लंबे समय से गैरहाजिर शिक्षकों के विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्यवाही का भी निर्णय बैठक में लिया गया। डॉ। रावत ने कहा कि प्रदेश में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के तहत आने वाले ऐसे स्कूलों, जिनमें छात्र संख्या मानक से कम है उनका विलय निकटतम क्लस्टर स्कूलों में किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्री ने जताई नाराजगी

मंत्री ने प्राइमरी शिक्षा के तहत क्लस्टर स्कूलों के चयन की धीमी गति पर नाराजगी जताई। अफसरों को फटकार लगाते हुए चिन्हिकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा, जिन क्लस्टर स्कूलों के सुदृढीकरण की डीपीआर मिल चुकी है, उन्हें शीघ्र धनराशि जारी की जाए।

2 माह में बिजली, पानी की उपलब्धता हो

शिक्षा मंत्री डॉ। रावत ने कहा कि ऐसे स्कूलों, जहां पर मूलभूत सुविधाओं की कमी है। उनकी तत्काल सूचना प्राप्त कर 2 माह के भीतर बिजली, पानी, शौचालय, फर्नीचर व बुक्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। वहीं, जिन स्कूलों को दाननामे आधार पर भूमि उपलब्ध हुई है, उनकी विभाग के नाम राजिस्ट्री कराने के लिए भी कहा गया है। इस मौके पर सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरू, एमएम सेमवाल, डीजी एजुकेशन झरना कमठान आदि मौजूद रहे।

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