देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी दून में कोचिंग संस्थान मनमर्जी से संचालित हो रहे हैं। दिल्ली की घटना के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए, तो सरकारी मशीनरी हरकत में आई। चीफ सेक्रेटरी राधा रतूड़ी ने सभी जिलो में कमेटी बनाकर कोचिंग सेंटरों की जांच के निर्देश दिए हैं। देहरादून में कमेटी गठित हो गई है। कमेटी मंडे 5 अगस्त से कोचिंग सेंटरों की सघन जांच पड़ताल शुरू करेगी। दो सप्ताह में कमेटी जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपेगी।
देशभर से आते हैैं स्टूडेंट्स
दून एजुकेशन हब है, तो यहां प्रदेशभर से ही नहीं देश के तमाम राज्यों से स्टूडेंट्स कोचिंग के लिए आते हैं। यहां बड़ी संख्या में कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं। नियम कानूनों को धता बताते हुए कोचिंग इंस्टीट्यूट जहां-तहां खुले हुए हैं। पूर्व में कई बार आवाज उठी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कई इंस्टीट्यूट कहीं तंग गलियों में तो कहीं जर्जर बिल्डिंग्स में चलाए जा रहे हैं। कई जगहों पर बगैर नक्शा पास के भवनों में भविष्य को संवारा जा रहा है, तो कहीं फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं है। तमाम तरह की लापरवाहियों के बीच संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों की अब पड़ताल होगी।
उठाया सख्त कदम
राजेंद्र नगर दिल्ली में आईएएस की कोचिंग कर रहे 3 स्टूडेंट््स की कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने से मौत के मामले में उत्तराखंड सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। सरकार ने दिल्ली हादसे से सबक लेते हुए कोचिंग संस्थानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके लिए सरकार ने बकायदा हर जिले में कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। देहरादून में कमेटी का गठन कर दिया गया है।
जांच को समिति गठित
चीफ सेक्रेटरी राधा रतूड़ी ने जिला में संचालित हो रहे कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा के मापदंडों की जांच के लिए समिति का गठन किया है। चीफ सेक्रेटरी की ओर से जारी आदेश में कहा किया कि कमेटी में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष समिति के अध्यक्ष होंगे, जबकि नगर आयुक्त व नगर निगम के अधिशासी अभियंता, जिला अधिकारी द्वारा नामित अधिकारी, जिला अग्निशमन अधिकारी व एसएसपी, एसपी सिटी द्वारा नामित अधिकारी बतौर मेंबर शामिल होंगे।
कमेटी में ये शामिल
1. वीसी एमडीडीए- अध्यक्ष
2. नगर आयुक्त-एक्सईएन- सदस्य
3. उप जिलाधिकारी- सदस्य
4. जिला अग्निशमन अधिकारी- सदस्य
5. एसपी सिटी- सदस्य
इन बिंदुओं पर होगी जांच
1. कोचिंग संस्थानों के विधिवत निबंधन की क्या स्थिति है।
2. सुरक्षा मानक पूरे किए जा रहे हैं या नहीं।
3. भवन निर्माण के साथ ही विकास उपविधि का अनुपालन हो रहा या नहीं।
4. फायर एग्जिट की क्या व्यवस्था है।
5. कोचिंग संस्थाना में प्रवेश व निकास की पर्याप्त व्यवस्था है या नहीं।
6. आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा हैं या नहीं।
बेसमेंट में संचालन तो एक्शन
चीफ सेक्रेटरी की ओर से आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 22 के तहत जारी आदेश के मुताबिक सभी जिलाधिकारी, को पुलिस, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, विद्युत, राजस्व, शिक्षा, चिकित्सा, नगर निकायों व अग्निशमन अधिकारियों के साथ बैठक करनी होगी। जांच कमेटी कोचिंग सेंटर व अन्य भवनों की जांच करेगी। इस दौरान मुख्य रूप से यह चेक किया जाएगा कि कोचिंग सेंटर व अन्य भवन के बेसमेंट में क्लासेस तो संचालित नहीं हो रही हैं। जांच कमेटी भवन उप नियमों के मानकों की बारीकी से पड़ताल करेगी।
ये मानक होंगे पूरे, तब परमिशन
- जांच-पड़ताल के दौरान कमेटी यह चेक करेगी कि भवन मालिक के पास सभी अनुमोदन व प्रमाण पत्र उपलब्ध है या नहीं।
- सभी भवनों में अग्नि शमन सुरक्षा की ठीक प्रकार से या नहीं।
-आग लगने पर निकासी के लिए रास्ते हैं या नहीं।
-कोचिंग सेंटरों के भवनों में विद्युत सुरक्षा के उपाय पर्याप्त हैं या नहीं
- बिल्डिंग का इलेक्ट्रिक सेफ्टी विभाग से प्रमाण पत्र है या नहीं
- बेसमेंट में चलने वाले कोचिंग सेंटरों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा।
- मानकों का अनुपालन न पाए जाने पर जांच रिपोर्ट में होगा स्पस्ट उल्लेख।
- ऐसे कोचिंग सेंटर व भवन मालिकों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई।
कोचिंग सेटरों की जांच को कमेटी का गठन कर लिया गया है। जांच संबंधी लेटर जारी किए जा रहे हैं। अगले दो-तीन दिन में कमेटी जांच शुरू करेगी। कमेटी को दो सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपेगी।
सोनिका, डीएम देहरादून
dehradun@inext.co.in