- कूड़ा उठान कर रही रैम्की कंपनी को नगर निगम ने किया आउट
- 15 साल के लिए रखी गई कंपनी को 4 साल में ही किया बाहर

देहरादून, ब्यूरो: कंपनी की नोटिस अवधि समाप्त होने को है, लेकिन अभी तक नगर निगम ने दूसरी कंपनी से करार नहीं किया है, ऐसे में यदि कंपनी ने 31 अगस्त के बाद कूड़ा उठान से हाथ खड़े कर दिए, तो शहर में कूड़ा उठान पर ब्रेक लग सकता है। हालांकि नगर निगम वैकल्पिक व्यवस्था की बात कर रहा है, लेकिन पिछले दो महीने में नगर निगम ने कूड़ा उठान को लेकर किसी कंपनी से करार नहीं किया है। वैकल्पिक व्यवस्था की भी बात की जा रही है। अधिकारी टेंडर जारी करने की बात कर रहे हैैं। बहरहाल जो भी 31 अगस्त के बाद शहर में कूड़ा उठान मुश्किल हो सकता है।

15 साल का अनुबंध 4 साल में टूटा
कूड़ा उठान को लेकर 15 के लिए नगर निगम ने अनुबंध किया था, लेकिन 4 साल में यह अनुबंध टूट गया। वर्ष 2018 में शहर का कूड़ा प्रबंधन रैम्की कंपनी को दिया गया था। कंपनी शहर के अलावा घर-घर से रोजाना करीब 100 मैट्रिक टन कूड़े का रोजान उठान कर रही थी। शीशमबाड़ा कूड़ा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। 12 सितंबर को टेंडर खोला जाएगा।

हर माह 80 लाख तक का बिल
रैम्की कंपनी हर माह नगर निगम को 70 से 80 लाख रुपये का बिल भुगतान को भेजती थी। निगम करीब ढाई हजार रुपये प्रति मैट्रिक टन के हिसाब से पेड करता था। बताया गया कि कूड़ा उठान समय पर न करने की शिकायत पर निगम हर माह 10 से 30 प्रतिशत तक बिल में कटौती करता था। करीब 50 से 60 लाख रुपये निगम रैम्की कंपनी को पेड करता था।

ये है रम्की कंपनी पर आरोप
- समय पर कूड़ा उठान न करना
- 100 वार्डों में रोजाना कूड़ा न उठाना
- कूड़ेदान में जगह-जगह ढेर लगे रहना
- डोर-टू-डोर कूड़ा उठान में लगातार लापरवाही
- रोजाना की जगह वार्डों में सप्ताह में कूड़ा उठान करना
- लगातार घटिया क्वालिटी का कार्य करना
- चीफ परफॉरमिंग इंडीकेटर में दक्षता न होने
- पार्षदों के साथ सामंजस्य स्थापित न करना

कूड़ा उठान को लेकर टेंडर जारी कर दिया गया है। 31 अगस्त के बाद कंपनी ने लिखित में दिया है कि वह अगले दो माह तक सहयोग करेगी। नगर निगम ने वैकल्पिक व्यवस्था भी बना दी है। 20 सितंबर तक कूड़ा उठान के टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। शहर में कूड़ा उठान को लेकर फिलहाल कोई समस्या नहीं होगी।
मनुज गोयल, कमिश्नर, नगर निगम