देहरादून, ब्यूरो: दून की सड़कों पर भीख मांगते मासूम नहीं दिखेंगे। जिला प्रशासन इसके लिए फूलपू्रफ तैयारी कर ली है। बच्चों को भीख मांगने की सूचना पर तत्काल टीम पहुंचेगी और उन्हें रेस्क्यू करेगी। पहले इसमें वाहन आड़े आ रहा था। लेकिन अब डीएम सविन बंसल ने पेट्रोलिंग के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी को 3 वाहन मुहैया कराए हैं। रेस्क्यू किए जाने वाले बच्चों का बकायदा पुनर्वास किया जाएगा। उनके रहने खाने के साथ ही पढ़ाई का भी खर्च जिला प्रशासन की ओर से उठाया जाएगा।

परवान चढ़ रहा भिक्षावृत्ति उन्मूलन मॉडल

राजधानी दून को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त करने की कवायद परवान चढती दिख रही है। डीएम सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टे्रट में भिक्षावृत्ति उन्मूलन को लेकर कई अहम बिंदुओं पर विचार मंथन किया गया। मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी ने गत सप्ताह से भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किये जाने वाले बच्चों के लिए तैयार किये गए माइक्रो प्लान को डीएम ने मंजूर कर दिया है।

तीन एनजीओ से भी एमओयू

रेस्क्यू किये जाने वाले बच्चों को इन्टेंसिव केयर शेल्टर में उचित माहौल उपलब्ध कराने के लिए आसरा, सरफीना, समर्पण इन तीन सामाजिक संगठनों से जिला प्रशासन का एमओयू हस्ताक्षरित कर आपस में अंतरित हो गया है।

माइक्रोप्लान को डीएम ने किया मंजूर

डीएम ने कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही जिला बाल कल्याण और संरक्षण समिति (डीसीडब्ल्यूपीसी), बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) व चाईल्ड हेल्पलाईन की बैठक ली। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि उनके जनपद में कोई भी बच्चा भिक्षावृत्ति करते न दिखे, बच्चों का स्थान स्कूलों में सड़कों पर भिक्षावृत्ति करना नही। इसके लिए उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं बाल विकास अधिकारी को प्रभावी माइक्रोप्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। उनके द्वारा इसकी नियमित समीक्षा की जा रही है। अब इस माइक्रोप्लान को डीएम ने अनुमोदन कर दिया है।

इंटेंसिव केयर शेल्टर का काम शुरू

शिक्षा मंत्री ने इस मॉडल को केबिनेट में लाने पर भी जोर दिया है, जिससे राज्य भर में ऐसे बच्चों के भविष्य को संवारा जा सके। भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किये जाने वाले बच्चों के लिए साधूराम इंटर कॉलेज में इन्टेंसिव केयर शेल्टर का कार्य प्रारम्भ हो गया है, जो कि जल्द पूर्ण हो जाएगा। बच्चों को रेस्क्ूय करने के लिए 3 वाहन जिला प्रोबेशन अधिकारी को मिल गए हैं, जिनकों इस आपरेशन के लिए मॉडिफाई किया जा रहा है। वाहन चालकों के साक्षात्कार हो गए है, जिसे सीएम की ओर से इसी महीने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा।

चौराहों पर 12 होमगार्ड लगे रेस्क्यू में

डीएम ने कहा कि जनहित के इस महत्वाकांशी प्रोजेक्ट को एडीएम प्रशासन जयभारत सिंह, सीईओ प्रदीप रावत व जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट और आरडब्ल्यूडी के एक्सईएन विनीत कुरीन धरातल पर उतारने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वर्तमान में भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के लिए निरंतर आपरेशन चलाते हुए बच्चों को रेस्क्यू किया जा रहा है। 12 होमगार्ड की अलग-2 चौराहों पर रोस्टरवार ड्यूटी लगाई गई है। वाहन द्वारा भिक्षावृत्ति करते बच्चों को रेस्क्यू किया जा रहा है।

अभियान पर एक नजर

- कैबिनेट में रखा जाएगा इस भिक्षावृत्ति उन्मूलन मॉडल को

- एडवांस स्टेज में है डीएम का बाल भिक्षा उन्मूलन प्रोजेक्ट

- शिक्षा मंत्री ने डीएम के की इस मॉडल की तारीफ, कैबिनेट में लाने की भी कही बात।

- साधूराम इंटर कालेज, इन्टेंसिव केयर शैल्टर का कार्य हुआ शुरू

- आसरा ट्रस्ट, समर्पण, सरफीना एनजीओ के साथ करार

- सीडब्ल्यूसी व राज्य सरकार ने डीएम के प्रोजेक्ट को बताया अच्छा कदम

- पढाई, मनोरंजन, खेल-खेल में पढाई बावत माइक्रोप्लान किया डीएम ने मंजूर

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