देहरादून, ब्यूरो:

बाल आयोग के अधिकारियों के अनुसार छापेमारी के दौरान सामने आया कि स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ बड़ी संख्या में बच्चे एनडीए कोचिंग संस्थानों व अन्य कोचिंग संस्थानों में दाखिला ले रहे हैं। यह बच्चे केवल प्रदेश के ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के गांवो और शहरों से आ रहे हैैं। बच्चों के माता पिता अपने बच्चे के भविष्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से मोटी धनराशि कोचिंग संस्थानों को दे रहे हैैं, लेकिन आयोग ने पाया कि कोचिंग संस्थानों में बच्चों से लिये जा रहे शुल्क के अनुरूप सुविधायें उपलब्ध नहीं करायी जा रही हैं और भी कई प्रकार की कमियां पायी गई हैं।

18 साल से कम उम्र के बच्चे रजिस्टर्ड

बाल आयोग के अधिकारियों के अनुसार इन संस्थानों में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे पंजीकृत हैं। इसी प्रकार उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी ऐसे कोचिंग संस्थान चल रहे हैं। जिनका भी यही हाल है। उन्होंने संस्थानों के संचालन के लिए एसओपी न होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने बच्चों पर बढ़ रहे तनाव को देखते हुये कोचिंग संस्थानों के सुचारू संचालन हेतु एक ठोस नियमावली (निर्देशिका) तैयार की जानी आवश्यक है। आयोग ने नियमावली बनाने के निर्देश दिए।