देहरादून ब्यूरो। अंकिता मर्डर केस की हर अपडेट एसआईटी द्वारा लगातार दी जा रही है। लेकिन, सोशल मीडिया पर इस जांच को लेकर कई तरह की खबरें आ रही हैं। पुलिस का मानना है कि इन खबरों में कई ऐसी बातें कही जा रही हैं, जो भ्रामक हैं, इससे लोगों को गुमराह होने की आशंका बनी रहती है। खासकर सोशल मीडिया पर एसआईटी जांच को लेकर तथ्यहीन सूचनाएं दी जा रही हैं।

चेतावनी का मजमून
पौड़ी गढ़वाल पुलिस के ऑफिसियल सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जिले के एसएसपी यशवंत चौहान की ओर से एक वीडियो संदेश जारी किया गया है, जिसमें वे इस तरह की चेतावनी देते सुने जा सकते हैं। इसके साथ ही टेक्स्ट में लिखा गया है कि अंकिता हत्याकांड मामले में यदि कोई व्यक्ति इस संबंध में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फेसबुक आदि के माध्यम से भ्रामक एवं जनता के मध्य अफवाह फैलाने वाली पोस्ट डालता है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार आईपीसी एवं आईटी एक्ट की धाराओं के तहत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

कहां तक पहुंची जांच
पुलिस का दावा है कि अंकिता के मामले में एसआईटी की जांच सही दिशा में चल रही है। अब तक कई अहम सुराग पुलिस ने जुटा लिये हैं। तीनों आरोपियों की तीन दिन की रिमांड के दौरान कई राज उगले हैं। मुख्य आरोपी पुलकित ने बयान दिया था कि अंकिता ने उसका मोबाइल नहर में फेंक दिया था। लेकिन वास्तव में अंकिता की हत्या के बाद पुलकित ने मोबाइल से राज खुलने की आशंका को देखते हुए दुबारा उसी जगह जाकर अपना मोबाइल नहर में फेंका था। इसके लिए वह जंगल के रास्ते मौके पर गया था, ताकि सीसीटीवी कैमरे में नजर न आ सके।

केदार भंडारी भी चर्चा में
अंकिता भंडारी के बाद अब केदार भंडारी भी चर्चा में है। केदार भंडारी का मामला भी लक्ष्मण झूला थाने से जुड़ा बताया जाता है। सोशल मीडिया पर चल रहे संदेशों में कहा जा रहा है कि उत्तरकाशी के धौतरी चुनेर गांव के केदार भंडारी को दो दिन लक्ष्मण झूला थाने में रखा गया था। उसके बाद से वह लापता है। पौड़ी के एसएसपी ने केदार भंडारी के मामले को लेकर भी सोशल मीडिया पर संदेश जारी किया है। इस संदेश में भी केदार भंडारी के बारे में सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं देने वालों के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी गई है।