देहरादून (ब्यूरो) दून रेलवे स्टेशन पर अक्सर ट्रैफिक की खासी दिक्कत रहती है। ट्रेन आने के बाद यहां से बाहर निकलना किसी चुनौती से कम नहीं रहता है। इसकी बड़ी वजह ये रहती है कि यहां पर लंबे समय से अतिक्रमण का जाल फैला हुआ है। खासकर, दून रेलवे स्टेशन कैंपस में कई वर्षों से अवैध टैक्सी स्टैंड भी संचालित हो रहा है। हालांकि, 8 वर्ष पहले 2016 में व्यापक स्तर पर कार्रवाई करते हुए टैक्सी व ऑटो स्टैंड हटाया गया था, लेकिन यहां फिर पहले जैसी स्थिति हो गई है। खास बात ये है कि स्टेशन कैंपस में बनी पार्किंग व सड़क पर पूरा दिन टैक्सी व ऑटो खड़े रहते हैं। नतीजतन, इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है। कई बार यात्रियों से बहस तक हो जाती है। इसको लेकर कई मर्तबा यात्रियों ने शिकायत रेल प्रशासन तक से की। लेकिन, रेल प्रशासन की कार्रवाई के बजाय नोटिस तक सीमित रही।

डीआरएम ने दिए थे निर्देश
इसी क्रम में एक अगस्त को नॉदर्न रेलवे के डीआरएम ने दून रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान अवैध टैक्सी स्टैंड को हटाने का आदेश दिया था। इसके बाद रेल प्रशासन हरकत में आया और अवैध टैक्सी स्टैंड संचालक को इस संबंध में नोटिस देकर 7 दिन के भीतर जगह खाली करने के लिए कहा था। लेकिन संचालक ने जगह खाली नहीं की। इसके बाद रेलवे प्रशासन ने अवैध टैक्सी स्टैंड व परिसर में फैले अतिक्रमण को हटाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस व नगर निगम को सहयोग देने को पत्र भेजा। मंगलवार को पुलिस व प्रशासन की टीम के साथ स्टेशन सुपरिटेंडेंट रङ्क्षवद्र कुमार पुलिस फोर्स के साथ अतिक्रमण हटाने के पहुंचे। लेकिन, टैक्सी संचालक विरोध में खड़े हो गए। दून टैक्सी ओनर्स एसोसिएशन ने प्रशासन को हाईकोर्ट में सुनवाई लंबित होने की बात कही। जिस पर टैक्सी स्टैंड पर कार्रवाई को लेकर प्रशासन के कदम ठिठक गए। हालांकि, कैंपस में संचालित हो रहे अवैध खोखे, चाय के काउंटर समेत कुछ ठेली-रेहडिय़ों को वहां से हटाया गया। उत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता से बताया कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। न्यायालय की ओर से निर्णय आने के बाद कार्यवाई की जाएगी।

धरने पर बैठे टैक्सी स्टैंड संचालक
रेलवे प्रशासन की कार्रवाई का खिलाफ टैक्सी स्टैंड के संचालक सुबह छह बजे से धरने पर बैठ गए। इधर, जब सुबह रेलवे और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची तो उनकी अधिकारियों से नोकझोंक भी हुई। चेतावनी दी कि टैक्सी स्टैंड हटाया तो वे परिवार के साथ भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।

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