देहरादून (ब्यूरो) पुलिस के अनुसार देहरादून के तेग बहादुर रोड डालनवाला निवासी आयुष शर्मा (30 वर्ष), कौलागढ़ निवासी अवनी कुकरेती (29 वर्ष), कालिदास मार्ग निवासी युवराज बिष्ट उम्र (33 वर्ष), चंद्र ङ्क्षसह गढ़वाल मार्ग निवासी ईशा (28 वर्ष) आपस में दोस्त हैं। रविवार को उनका दिल्ली के फतेहनगर निवासी दोस्त सागर नरूला (29 वर्ष) सभी से मिलने देहरादून आया था। जिस पर उनकी योजना शिखर फॉल घूमने जाने की बनी। रविवार की दोपहर वह आयुष शर्मा की मङ्क्षहद्रा थार (यूके01-डी-3333) से शिखर फाल घूमने निकले और मध्य रात्रि तक वहीं पार्टी की। रात करीब दो बजे वह वापस देहरादून लौट रहे थे। शिखर फॉल के निकट शहंशाई आश्रम से उन्होंने वाहन पैदल ट्रैक की ओर चढ़ा दिया। इस ट्रैक पर वाहन तो जाते हैं लेकिन यह काफी खतरनाक और खड़ी चढ़ाई वाला होने के साथ-साथच्कच्चा मार्ग है। बताया गया कि इस दौरान चढ़ाई पर ब्रेक न लगने से कार खाई में गिर गई। जिस जगह दुर्घटना हुई, वह सुनसान क्षेत्र है, ऐसे में काफी देर तक दुर्घटना के बारे में पुलिस को पता नहीं चला।

रात करीब ढाई बजे मिली सूचना
रात करीब ढाई बजे वहां से गुजर रहे स्थानीय निवासी अमित ने पुलिस कंट्रोल रूम में दुर्घटना की सूचना दी। इस पर जाखन पुलिस चौकी इंचार्ज विकेंद्र कुमार और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की संयुक्त टीम मौके पर पहुंचे। एक घंटे की मशक्कत के बाद खाई में फंसे घायलों को बाहर निकाला गया और मैक्स अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने आयुष शर्मा व अवनी कुकरेती को मृत घोषित कर दिया, जबकि सागर नरूला, युवराज बिष्ट और ईशा गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस के अनुसार वाहन आयुष चला रहा था।

4 व्यवसायी, 1 मर्चेंट नेवी में था तैनात
पुलिस के अनुसार आयुष शर्मा मर्चेंट नेवी में तैनात था, जबकि अवनी कुकरेती मसूरी मार्ग पर कैफे चलाती थी। घायल सागर नरूला दिल्ली में व्यापारी हैं, जबकि युवराज बिष्ट भी मसूरी मार्ग पर कैफे चलाता है। वहीं, ईशा आर्किटेक्ट है।

पुलिस, एसडीआरएफ ने किया रेस्क्यू
सुनसान जगह पर दुर्घटना होने पर यदि पुलिस समय पर नहीं पहुंचती तो तीन घायलों के साथ भी कोई अप्रिय घटना हो सकती थी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस के अनुसार अंधेरा व सुनसान जंगल होने के कारण यह पता नहीं लग पा रहा था कि घायल कहां हैं। टॉर्च की रोशनी में एसडीआरएफ की टीम के साथ पुलिस धीरे-धीरे आगे बढ़ी, जहां चिल्लाने की आवाज आ रही थी। अंधेरा होने के चलते घायलों को ढूंढने में समय लगा। किसी तरह घायलों तक पहुंचकर टीम ने रेस्क्यू शुरू किया। रेस्क्यू के दौरान एंबुलेंस को भी बुला लिया और घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।

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