देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी दून में पारा 40 डिग्री के पार चले गया है। इससे बिजली की खपत भी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई है। पिछले साल मई के मुकाबले इस बार मई में बिजली की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है। दून समेत पूरे प्रदेश में बिजली की मांग 57 एमयू तक पहुंच गई। जबकि पिछले साल जून में अधिकतम डिमांड 52 एमयू तक गई थी। इस बार मई में यह आंकड़ा 57 एमयू तो जून में क्या हाल होंगे। बिजली की रिकॉर्ड डिमांड बढऩे से किल्लत शुरू हो गई है। उधर, बिजली की कटौती से जल संस्थान के ट्यूबवेल भी ठप हो रहे हैं। लो वोल्टेज के चलते कई जगह ट्यूबवेल की मोटरें फुंक रही है, जिससे शहर में पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है। कई जगह पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं।

लोड बढऩे से जगह-जगह फॉल्ट
सब स्टेशनों में पीक आवर में बिजली का लोड बढऩे से बिजली लाइनों में फाल्ट आ रहा है। इससे बिजली आपूर्ति में व्यवधान हो रहा है। घंटों बिजली गुल होने से लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। कहीं कटौती की जा रही है, तो कहीं फॉल्ट व अन्य कारणों से बिजली सप्लाई प्रभावित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी घंटों कटौती की जा रही है। साथ ही अगले कुछ दिनों में डिमांड में और वृद्धि होने पर आपूर्ति और अधिक प्रभावित होने के आसार नजर आ रहे हैं। 5 से 6 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है।

सामान्य से 30 परसेंट अधिक डिमांड
ऊर्जा निगम के डायरेक्टर ऑपरेशन के मुताबिक प्रदेश में गर्मी के मौसम में बिजली की मांग बढ़ती है, लेकिन पिछले वर्ष से मई-जून में यह मांग रिकॉर्ड स्तर पर जा रही है। हालांकि इस वर्ष एनर्जी एक्सचेंज में बिजली का संकट न होने के कारण स्थिति काबू में है। इस बार भी सामान्य से 25 से 30 परसेंट अधिक बिजली की डिमांड आ रही है। अगले माह विद्युत मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है। इसके नियंत्रण के लिए व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है। उन्होंने कहा कि कहीं भी कोई कटौती नहीं की जा रही है। कहीं निर्माण कार्य चल रहा है या फिर ट्रिपिंग की समस्या होगी। ऊर्जा निगम के पास प्रयाप्त बिजली है। प्रदेश में कहीं भी कटौती नहीं की जा रही है।

पीक आवर में शटडाउन नहीं
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने जल विद्युत निगम को अचानक व पीकर आवर में पावर हाउस बंद करने का संज्ञान लेते हुए निर्देश दिए हैं। यूईआरसी ने कहा कि इससे बिजली व्यवस्था गड़बड़ा रही है। साथ ही यूजेवीएन लिमिटेड से शटडाउन का कैलेंडर बनाने के निर्देश दिए हैं, जिससे ऊर्जा निगम बिजली की व्यवस्था कर सकेगा। पावर हाउस में मेंटेनेंस के नाम पर पावर प्रोडक्शन अचानक बंद नहीं किया जा सकता है।

बिजली प्रोडक्शन व कुल उपलब्धता

17.444
एमयू तक हो रहा राज्य का अपना बिजली उत्पादन
05
एमयू मिल रही अन्य स्रोतों से
18
एमयू बिजली मिल रही केंद्र से
08
एमयू तक रियल मार्केट खरीद से हो रही खरीद
52
एमयू बिजली की उपलब्धता
57
एमयू तक है डिमांड
04
मिलियन यूनिट का डिमांड और खपत में अंतर

गर्मी के मौसम में बिजली की मांग बढऩा सामान्य बात है, लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मई में थोड़ा ज्यादा इजाफा देखने में आ रहा है। फिलहाल निगम के बिजली की कहीं कोई कमी नहीं है और न ही कहीं कोई कटौती की जा रही है।
अनिल कुमार, एमडी, ऊर्जा निगम


हैडिंग- दून के कई एरियाज में सूख रहे गले
पावर क्राइसिस के चलते पेयजल संकट भी खड़ा हो गया है। सिटी में 80 परसेंट पेयजल सप्लाई ट््यूबवेल से आपूर्ति होती है। शहर के कई इलाकों में पानी का संकट खड़ा हो गया है। ट्यूबवेल न चलने से पानी के टैंक नहीं भर पा रहे हैं, जिससे पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। पिछले चार दिन से अपर राजीव नगर क्षेत्र में पानी की किल्लत हो रही है। लोगों का कहना है कि पंप लगाने के बाद भी एक बाल्टी पानी तक नहीं भरी जा रही है। राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने बताया कि जल संस्थान को अवगत कराने के बाद भी पानी की आपूर्ति सामान्य नहीं हुई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द पानी की आपूर्ति सुचारू नहीं हुई, तो वह क्षेत्रवासियों के साथ बर्तन लेकर जल संस्थान कार्यालय पर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

वनस्थली व रामविहार लो प्रेशर
वनस्थली व रामविहार के उपभोक्ता लंबे समय से पानी केलो प्रेशर के का दंश झेल रहे हैं। इस संबंध में जल संस्थान नॉर्थ डिवीजन के अधिशासी अभियंता ने बताया कि दोनों जगहों पर 2.80 करोड़ रुपये की लागत से मिनी ट्यूबवेल का निर्माण किया जा रहा है। जल्द ही ट्यूबवेल का संचालन शुरू होने के बाद उपभोक्ताओं को पानी की सुचारू आपूर्ति मिलेगी। इससे करीब 2 हजार की आबादी को लाभ मिलेगा।

बांदल नदी से बुझेगी प्यास
इस बार गर्मी में बांदल नदी से सिटी की प्यास बुझ पाएगी। बांदल नदी से 15 एमएलडी तक पानी आना शुरू हो गया है। पिछले कुछ समय से यहां से 7 एमएलडी पानी मिल रहा था। जल संस्थान के अफसरों ने बताया कि बांदल नदी में स्रोत को चैनलाइजेशन किया गया, जिससे स्रोत से डिस्चार्ज बढ़ गया है। इस योजना से साउथ जोन डिविजन के क्षेत्रों को पानी की सप्लाई होती है। करीब 50 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को बांदल नदी के पानी की सप्लाई की जाती है।

यहां आ रही दिक्कतें
कनक चौक
तहसील परिसर
इंद्रेश नगर
कौलागढ़
हरि विहार
ब्राह्मणवाला खाला
निरंजनपुर
त्यागी रोड
विजय पार्क
अमन विहार
चीड़ोवाली
पंडिवाड़ी
मोथरोवाला
आकाशदीप कॉलोनी
दुर्गा विहार

शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं
गर्मी में पानी की किल्लत होती है, लेकिन इस बार संकट ज्यादा गहरा गया है। इसके लिए जल संस्थान जिम्मेदार है। अफसर जल संकट को लेकर गंभीर नहीं है।
प्रदीप कुकरेती

अपर राजीव नगर क्षेत्र में कई दिनों से पानी की किल्लत हो रही है। इस संबंध में जल संस्थान के अफसरों को अवगत भी कराया गया, लेकिन इसके बाद भी जलापूर्ति में सुधार नहीं हुआ है।
गोविंद पुंडीर

पिछले चार-पांच दिन से नल सूखे हैं। मोटर लगाने के बाद भी पानी नहीं आ रहा है। इससे मोटर फुंक रही है। घरों में लोग बोतलबंद पानी मंगाने को मजबूर हो रहे हैं।
दिगम्बर रावत

गर्मी में पानी जरूरी होता है। एक दिन पानी न आने से कई समस्याएं खड़ी हो जाती है। सवाल यह है कि जब हम पानी का प्रॉपर बिल भुगतान कर रहे हैं, तो पानी भी प्रॉपर तरीके से मिलना चाहिए।
जयदीप नेगी

शहर में पानी की कहीं भी किल्लत नहीं है। कई बार बिजली के लो वोल्टेज के कारण ट्यूबवेल नहीं चल पा रहे हैं। जिससे ओवरहेड टैंक पूरे नहीं भर पा रहे हैं। जिन इलाकों से कंप्लेन आ रही है उन्हें शीघ्र निस्तारित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राजीव सैनी, एसई, जल संस्थान

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