देहरादून (ब्यूरो) दरअसल, चार साल पहले तत्कालीन भाजपा सरकार ने दून के हर्रावाला में कैंसर के मरीजों के लिए कैंसर हॉस्पिटल बनाने का सपना दिखाया था। हॉस्पिटल की नींव रखी गई और अब इमारत भी बनकर तैयार हो गई है। सच तो है कि हॉस्पिटल कोपीपीपी मोड पर संचालित करने के लिए तीन बार टेंडर फ्लोट किए जा चुके हैं। लेकिन, विभाग का कहना है कि हॉस्पिटल को टेकओवर करने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है। विभाग का कहना है कि एक बार फिर से टेंडर इन्वाइट किए जा रहे हैं। जबकि, सच्चाई ये है कि 3 माह में टेंडर प्रक्रिया के बाद भी कोई कंपनी और फर्म इसके संचालन का जिम्मा उठाने को तैयार नहीं हुई।

कैंसे शुरू होगा संचालन
हर्रावाला स्थित कैंसर हॉस्पिटल को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि उम्मीद थी कि इस हॉस्पिटल का संचालन जल्द शुरू हो जाएगा। कई बार कई बड़े ग्रुप के संचालन की जानकारी भी मिली। लेकिन, अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। जानकार बताते हैं कि टेंडर प्रक्रिया के बाद भी कोई कंपनी आती है तो अकेले ओपीडी शुरू करने के लिए 4 से 5 माह तक का समय लग सकता है।

यह थे दावे
-वर्ष 2020 में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत की पहल पर कैंसर अस्पताल बनाने का निर्णय हुआ।
-अस्पताल 300 बेड का बनकर होना है तैयार।
-कैंसर, जच्चा-बच्चा समेत मल्टीस्पेशिलिटी जैसी सुविधाएं।
-दावा था, हॉस्पिटल 100 बेड से होगा शुरू।
-निर्माण के लिए पहली किश्त के तौर पर 164 करोड़ जारी हुए।
-हॉस्पिटल के लिए 15 बीघा जमीन ओबरॉय परिवार ने दी।
-उस वक्त कहा गया अस्पताल का नाम शकुंतलारानी सरदारीलाल ओबरॉय अस्पताल रखा जाएगा।


बिल्डिंग तैयार हो चुकी है। इसके पीपीपी मोड पर संचालन के लिए टेंडर भी आमंत्रित किए गए। लेकिन, कोई भी कंपनी नहीं आई। जिसके बाद दोबारा टेंडर डाले जाने की तैयारी है। कुछ कंपनी की ओर से सुझाव लिए गए हैं। उम्मीद है कि जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
-डॉ आर राजेश कुमार, सचिव, स्वास्थ्य।

कैंसर हॉस्पिटल जल्द से जल्द संचालित हो सके, हमारे पूरे प्रयास हैं। लेकिन, अगर ये शुरू नहीं हो पा रहा है तो इस पर मंथन किया जाएगा। मैं खुद इस मामले पर स्वास्थ्य महानिदेशक से बात करूंगा, जिससे लोगों को इसका जल्द से लाभ मिल सके।
बृज भूषण गैरोला, विधायक, डोईवाला।

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