देहरादून(ब्यूरो)। राजधानी दून के चौक-चौराहों पर भिक्षावृत्ति कोई नहीं बात नहीं है। लेकिन, आए दिन चौराहों पर इस प्रकार की प्रवृत्ति से लोग परेशान हैं। जिसकी शिकायत आए दिन पुलिस प्रशासन तक पहुंच रही है। इसको लेकर मंडे को डीएम डा। आर राजेश कुमार ने टास्क फोर्स समिति की बैठक ली। डीएम ने जिले में भिक्षावृत्ति पर रोक के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। यह भी स्पष्ट किया कि सिटी में भिक्षावृत्ति करने व करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। खासकर जो महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर भिक्षावृत्ति कर रही हैं, उन की रेकी की जाए। इन महिलाओं के पास से मिलने वाले बच्चों को प्रशासन ने चाइल्ड केयर होम भी रखने के निर्देश दिए और भिक्षावृत्ति करने वालों पर जेजे एक्ट में कार्रवाई करने को कहा।
बच्चों का होगा डीएनए टेस्ट
बताया जा रहा है कि प्रशासन को अंदरखाने जानकारी मिली है कि भिक्षावृत्ति करने वालों को पीछे से भिक्षावृत्ति करवाई जा रही है। हालांकि, अब तक टास्क फोर्स और प्रशासन को इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन, इसको देखते हुए प्रशासन अब खुफिया तरीके से इसकी पड़ताल में जुट गई है। मंडे को टास्क फोर्स, एजीओ के साथ हुई बैठक में यह बात भी सामने आई कि जिन महिलाओं के गोद में बच्चे मौजूद रहते हैं, उनका डीएनए टेस्ट कराया जाए। जिससे भिक्षावृत्ति रैकेट्स का पर्दाफाश हो सके।
अन्य राज्यों के लोगों को वापस भेजा जाए
डीएम ने अधिकारियों व टास्क फोर्स को निर्देश दिए कि अन्य राज्यों के लोग जो भिक्षावृत्ति करते हुए पाए जाते हैं, उनकी पूरी डिटेल लेते हुए उनको अपने मूल राज्य व जिले में भेजे जाने की व्यवस्था बनाए जाए। सड़कों पर भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों को चाइल्ड केयर होम भेजा जाए। ये भी निर्देश दिए कि बार-बार भिक्षावृत्ति करते पाए जाने वालों को जेल भेजा जाए।
धार्मिक स्थलों के बाहर न दें भिक्षा
डीएम ने आम लोगों से अपेक्षा की है कि सड़क, चौराहों, बाजारों व धार्मिक स्थलों के बाहर भिक्षावृत्ति करने वालों को भिक्षा न दें। जिससे ऐसा करने से भिक्षावृत्ति की प्रवृत्ति पर ब्रेक लग सके। बैठक में एसीएमओ डा। सीएस रावत, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, एएलसी श्रम विभाग ऋषिकेश केके गुप्ता, अध्यक्ष मैक संस्था जहांगीर आलम समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।