देहरादून ब्यूरो। प्रेमनगर निवासी विरेन्द्र गुलेरिया ने पिछले वर्ष 28 नवंबर को थाना प्रेमनगर में इस संबंध में तहरीर दी थी। तहरीर में कहा गया था कि अजय कुमार, अनिल पहलवान, संजीव गुप्ता,चन्दन व रजवी नाम के व्यक्तियों ने ठाकुरपुर रोड पर एक जमीन रजिस्ट्री करवाकर उसे 65 लाख रुपये में बेच दी थी। जब जमीन पर कब्जा लिया जा रहा था तो पता चला कि जमीन के मूल मालिक संजीव गुप्ता ने जमीन बेची ही नहीं है। रजिस्ट्री करने वाले लोगों ने नकली संजीव गुप्ता बनकर धोखाधड़ी की है। इस शिकायत के आधार पर थाना प्रेमनगर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

हरियाणा के निकले आरोपी
थाना प्रेमनगर ने मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया। टीम जांच के दौरान पता चला कि आरोपी घटना के बाद से फरार हैं और उन्होंने अपने मोबाइल नंबर भी बंद कर दिये हैं। पुलिस ने इसके बाद आधार कार्ड नंबर और पेन कार्ड नंबर के आधार पर आरोपियों का पता लगाने का प्रयास किया। इस जांच में पता चला कि आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं। पुलिस लगातार आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन वे हाथ नहीं आ रहे थे। बीते 12 मार्च को पुलिस टीम को पता चला कि फरार आरोपियों में से एक अजय कुमार हरियाणा में अपने गांव सोनीपत आया हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम को तुरंत सोनीपत रवाना किया गया। पुलिस टीम ट्यूजडे को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मुखबिर तंत्र की मदद से अजय कुमार चहल को बडोता फ्लाई ओवर सोनीपत-गोहाना रोड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी गांव जौली थाना सदर गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा का निवासी है। पुलिस उसके अन्य साथियों की भी तलाश कर रही है।

लगातर दर्ज हो रहे धोखाधड़ी के केस
दून में हाल के वर्षों में जमीन की खरीद-फरोख्त के नाम पर धोखाधड़ी की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे कई भूमाफिया गिरोह हैं, जो सरकारी और विवादित जमीनों के जाली कागजात तैयार करके ऐसी जमीन बेचते रहे हैं। इसके साथ ही भूमाफिया अब लोगों के निजी जमीन भी जाली कागजात बनाकर बेचने लगी है। जमीन के नाम पर धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास करती रही है। पुलिस अब इस तरह के मामलों में आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी केस दर्ज कर रही है। इसके बावजूद इन मामलों में कमी नहीं आ रही है। दून के एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने अपने मातहत अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि जमीन की खरीद-फरोख्त के नाम में होने वाली धोखाधड़ी के मामलों में प्राथमिकता से जांच करके आरोपियों को जेल भेजा जाए और ऐसे सभी मामलों में आरोपियों में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाए।