जरूरतमंद यात्रियों से जमकर हो रही एसी के नाम पर वसूली

देहरादून, ब्यूरो:
एक तो फेस्टिव सीजन, ऊपर से बसों की मारामारी। दून के आईएसबीटी इलाके में पिछले कई दिनों से ऐसा ही हाल दिख रहा है। स्थिति ये है कि दूसरे राज्यों के लिए जाने वाले यात्रियों को साढ़े तीन सौ का टिकट साढ़े सात सौ में खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि, अपने बेहतर सेवा देने का दावा करने वाला उत्तराखंड रोडवेज ऐसे मौके पर जाम का हवाला दे रहा है। जानकार बताते हैं कि रोडवेज अपनी सर्विसेस में सजग रहे तो जरूरतमंद यात्रियों को न डग्गामार बसों के फेर में पडऩा पड़ता और न उनकी जेब ढ़ीली होती। इसके अलावा रोडवेज की भी जमकर कमाई होती।

केस 1-
-समय:--दोपहर 3 बजे
-स्थान:--दून आईएसबीटी।-अमित को सपरिवार दिल्ली जाना था। काफी इंतजार के बाद बस नहीं मिली। अचानक दो लोग उनके पास पहुंचे। जिन्होंने एसी बस का हवाला दिया। कश्मीरी गेट तक का किराया 750 रुपए बताया। अमित ने रोडवेज की बस से जाने की बात कही तो उन दोनों ने रोडवेज के पास बस न होने और घंटों इंतजार का हवाला दिया।
केस 2-
-समय ---अपराह्न 4 बजे।
-स्थान ---आईएसबीटी।
-ज्योति को ऋषिकेश जाना था। लेकिन लंबे इंतजार के बाद आईएसबीटी में बस उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। इस बीच एक आवाज आई, कहा आपको ऋषिकेश जाना है। बकायदा, इस शख्स से ऋषिकेश की बस को भी दिखाया और जल्द रवाना होने का भरोसा दिया। ज्योति ने किराया पूछा तो उसने 140 रुपए बताया। जबकि, असल में ऋषिकेश का किराया 95 रुपए है।
केस 3-
-समय--अपराह्न सवा चार बजे।
-स्थान--आईएसबीटी।
-लखनऊ जाने के लिए कुछ लोगों का ग्रुप लंबे समय तक इंतजार कर रहा था। उन्हें किसी भी राज्य के परिवहन की बस नहीं मिली। उन्हें मजबूर होकर दूसरी बस की मदद लेकर ज्यादा किराए में सफर करने को मजबूर करना पड़ा।


इस तरह कर रहे वसूली
-लखनऊ का किराया 1200 रुपए, एससी बस बताकर ले रहे तीन हजार तक।
-दिल्ली का किराया साढ़े तीन सौ, एसी बस बता कर ले रहे हैं 750 रुपए तक
-ऐसे ही दूसरे राज्यों के लिए भी 40 परसेंट तक फेस्टिव सीजन में वसूलते हैं किराया
-लखनऊ, दिल्ली, बिहार जैसे लॉन्ग रूट पर हो रही है डग्गामारी, जमकर वसूल रहे किराया
-सरकार को लगा रहे हैं टैक्स में चूना, पैसेंजर्स टैक्स भी नहीं दे रहे हैं डग्गामार वाहन
-इन डग्गामार वाहनों पर नियंत्रण के लिए नहीं हैं कोई भी नियम

हर रोज कर रहे लाखों की कमाई
रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार डग्गामार वाहन संचालक लॉन्ग रोड के सवारियों को एसी बस की सेवा देकर लुभाते हैं। बताया कि एक अनुमान के अनुसार पिछले सप्ताहभर में ऐसे डग्गामार संचालकों ने रोजाना लाखों की कमाई कर रहे हैं और अकेले उत्तराखंड रोडवेज को इससे दस से लेकर पंद्रह लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिससे सरकार के साथ यात्रियों को भी चूना लगाया।
रोडवेज के अपने दावे
रोडवेज जीएम संचालन दीपक जैन के मुताबिक फेस्टिव सीजन में पहले से ही रोडवेज में बसों की संख्या कम थी। यात्रियों को किसी बात की परेशानी न हो, उत्तराखंड रोडवेज ने 10 परसेंट एक्स्ट्रा बसें लगाई हैं। लेकिन, जिन बसों को संचालन हो रहा है, रूट पर जाम के कारण समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं। ऐसे में बसों की शॉर्टेज देखने को मिल रही है।
टिकट ऑनलाइन बुक, ऑफलाइन को हो रही दिक्कत
रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार दिल्ली, आगरा, लखनऊ, राजस्थान, जयपुर, अम्बाला जाने वाले अधिकतर पैसेंजर्स ऑनलाइन ही टिकट बुक करा रहे हैं। ऑनलाइन टिकट बुक कराने से ऑफलाइन टिकट का इंतजार कर रहे यात्रियों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे करीब 15 से 20 परसेंट यात्रियों का शामिल होने बताया गया है।
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