- हिन्दुस्तान स्टील वक्र्स कंस्ट्रक्शन लि। को पहले ही किया जा चुका बाहर
- अब सरकारी विभाग संभालेंगे स्मार्ट सिटी के काम

देहरादून, ब्यूूरो: ट्यूजडे को ब्रिज एंड रूफ कंपनी से भी स्मार्ट सिटी के काम छीनकर कंपनी को आउट किया गया है। इससे पहले चाइल्ड फ्रेंडली सिटी परियोजना के टेंडर को लेकर हिन्दुस्तान स्टील वक्र्स कंस्ट्रक्शन लि। को बाहर का रास्ता दिखाया गया था। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की संस्तुति और मुख्यमंत्री पुष्कर ङ्क्षसह धामी के अनुमोदन पर यह कार्रवाई की गई।

पब्लिक की परेशानी पड़ी कंपनी को भारी
ब्रिज एंड रूफ कंपनी को शहर में स्मार्ट रोड, ड्रेनेज व सीवरेज के कार्यों की जिम्मेदारी दी गई थी, करीब ढाई साल से मुख्य सड़कों पर चल रहे इन कार्यों के चलते जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वजह यह कि कार्यों की गति बेहद धीमी है। महापौर सुनील उनियाल गामा और राजपुर रोड क्षेत्र के विधायक खजान दास स्मार्ट सिटी के कार्यों के प्रति खुलकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। गत 29 जुलाई को शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर नाराजगी जाहिर की थी।

दूसरे निर्माण प्रोजेक्टों पर भी दिखेगा असर
स्मार्ट सड़क, ड्रेनेज और सीवर समेत करीब 27 में से आधा कार्य समय समाप्ति के बाद भी पूरे नहीं हो सके। कंपनी लगातार निर्माण कार्य में लापरवाही बरत रही थी। स्मार्ट सिटी लगातार अखबारों की सुर्खियों में था। मुख्यमंत्री धामी ने स्मार्ट रोड, सीवरेज और ड्रेनेज के कार्यों का अपडेट लिया, तो कंपनी की ओर से भारी लापरवाही उजागर हुई, जिसमें बाद कार्यदायी संस्था ब्रिज एंड रूफ को बाहर का रास्ता दिखाने के निर्देश दिए। सरकार के इस कड़े रुख के बाद अब अन्य निर्माण एजेंसी आशंकित हैं और काम में सुधार लाने के लिए जतन शुरू किए जा रहे हैं। इस कार्रवाई का असर दूसरे निर्माण प्राजेक्टों पर भी देखने को मिलेगा।

लोनिवि, सिंचाई और पेयजल करेगा काम
लंबे समय से स्मार्ट सिटी का काम कर रही निर्माण कंपनियों से कार्य छीन कर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि ब्रिज एंड रूफ कंपनी से काम वापस लिए जाने के बाद अब स्मार्ट रोड का जिम्मा लोनिवि संभालेगी। वहीं, सीवरेज के काम पेयजल निगम और ड्रेनेज के काम सिंचाई विभाग से कराए जाएंगे।

स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर लंबे समय से शिकायतें आ रही थी। मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले कंपनियों को निर्माण कार्य आवंटित किए गए थे, लेकिन निर्माण कार्य ठीक ढंग से नहीं किए जा रहे थे, जिसके बाद कंपनियों को बाहर करने का निर्णय लिया गया। जल्द ही स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर सरकारी विभागों का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
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