- दून का प्रमुख होलसोल आढ़त बाजार झेल रहा बॉटलनेक की समस्या
- व्यापारियों ने लगाई बाजार को अन्यत्र शिफ्ट करने की गुहार
देहरादून (ब्यूरो): दून का एक ऐसा ही बॉटलनेक कई सालों से दूनाइट्स को परेशान किए है, यह है सहारनपुर रोड पर मौजूद आढ़त बाजार का बॉटलनेक। यहां से आढ़त बाजार को शिफ्ट करने की प्लानिंग कई सालों से पाइपलाइन में है, लेकिन इसका हल नहीं हो पा रहा।
3 मिनट की जगह 21 मिनट
समय दोपहर 2:06 बजे दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम 2:27 बजे साहारनपुर चौक होते हुए होलसेल आढ़त बाजार के बाद प्रिंस चौक पहुंची। करीब तीन किमी। का सफर तय करने में 21 मिनट लग गए। शाम 4:42 बजे फिर प्रिंस चौक से चले तो 4:58 बजे टीम लाल पुल पर पहुंची। वापसी में 16 मिनट लगे। जबकि सुबह 7 बजे से पहले और रात्रि 10 बजे के बाद यही सफर 5-6 मिनट में तय हो जाता है। यह स्थिति तब है, जब स्कूलों की छुट्टी है और यात्रा सीजन भी बंद है। यात्रा सीजन में और स्कूलों की छुट््टी के समय यही तीन किमी। का सफर तय करने में एक घंटे से भी अधिक लग जाता है।
पीक आवर में समस्या विकराल
दून का टै्रफिक लोगों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। इसकी बड़ी वजह बॉटलनेक बने हुए हैं। शहर में एक नहीं कई बॉटलनेक हैं, लेकिन हम आज बात कर रहे हैं दून के प्रमुख थोक मार्केट आढ़त बाजार के बॉटलनेक की। लोग यहां जाम के झाम में फंसकर किस तरह परेशान हो रहे हैं। थर्सडे को इसकी रियलिटी चेक कर हमारी टीम ने थोड़ा समस्या बताने को बताने का प्रयास किया है। यह स्थिति तब है, जब आजकल स्कूलों की छुट्टी है और यात्रा सीजन भी बंद है। पीक टाइम में यही तीन किमी। तय करने में लोगों को घंटों लग जाते हैं।
बदलती रही सरकार की प्लानिंग
दून का यह थोक बाजार आज अपनी पहचान भी खोता जा रहा है। इस समस्या को लेकर शासन और पुलिस-प्रशासन के साथ ही एमडीडीए से कई दौर की व्यापारियों की बातचीत हुई। कभी मंडी, कभी हरिद्वार बाईपास और कभी ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट करने की बात हुई, लेकिन आज तक कोई रिजल्ट नहीं निकला। बनियावाला स्थित चाय बागान में भी होलसेल बाजार शिफ्टिंग की बात भी कई वर्षों से फायलों में दफन है।
हमें कहीं जंगल में ही बसा दो सरकार
ट्रैफिक जाम से प्रभावित आढ़त बाजार के करीब 250 थोक व्यापारी खुद सरकार से अन्यत्र शिफ्टिंग की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार इसके बाद भी खामोश बैठी है। व्यापारियों का कहना है कि उनका कोई विरोध नहीं है। ट्रैफिक की वजह से उनका व्यवसाय चौपट हो गया है। उनका आरोप है कि सरकार मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। सरकार उन्हें जंंगल में ही सिर्फ दे, तो वह तैयार हैं।
आरओबी से होगा दबाव कम
सरकार आढ़त बाजार बॉटलनेक पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए भंडारी बाग में रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कर रही है। बताया जा रहा है कि कारगी से आने वाला टै्रफिक आरओबी से सीधे प्रिंस चौक होते हुए घंटाघर निकलेगा। आरओबी का काम जून तक पूरा होने की उम्मीद है।
सरकार व्यापारियों को जमीन एक्वायर करके दे दे। दुकानों का निर्माण सरकार के नक्शे के हिसाब से वह खुद कर लेंगे। चाय बागान में 265 बीघा जमीन जो चिन्हित की गई है उसे जल्द आगे बढाया जाए। जगह न होने से गढ़वाल का थोक मार्केट ऋषिकेश और जौनसार का विकासनगर तक सिमट गया है, जिससे उनका व्यवसाय बंदी की कगार पर है।
राजेंद्र गोयल, प्रधान, होलसेल डीलर एसोसिएशन, आढ़त बाजार
सहारनपुर चौक से रेलवे स्टेशन तक और रामलीला बाजार हनुमान चौक तक आढत बाजार टै्रफिक से पूरा पैक रहता है। सामान लोडिंग-अनलोउिंग करने में भारी परेशान होती है। जिस वजह से लोग नहीं आ रहे।
विनोद गोयल, सेक्रेट्री
मेरी इंदिरा मार्केट में दुकान है। तीन किलोमीटर पर मेरा घर है। कई बार टै्रफिक में फंस जाता हूं, जिससे दोपहर में घर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता हूं। इसलिए सुबह से टिप्पन ले जाना पड़ता है।
गिरीश धस्माना, सहारनपुर चौक
आढत बाजार का प्रकरण मेरे संज्ञान में है। मामला कहां तक पहुंचा है, इसकी जानकारी ली जाएगी। यदि व्यापारी तैयार हैं, तो जल्द से जल्द मामले के समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।
सोनिका, डीएम, देहरादून
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