संडे की मस्ती पर जाम का ब्रेक
DEHRADUN(17 Nov): ये वही शहर है जो कुछ महीने पहले स्मूथ तरीके से चलने लगा था। एक-एक परिवार में चार-चार गाड़ी होने के बावजूद पुलिस ने ठोस कदम उठाकर ट्रैफिक को पटरी पर ला दिया था। ट्रैफिक सुधार में अन्य डिपार्टमेंट्स ने भी योगदान दिया, लेकिन एक बार फिर से सिटी का ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त होने लगा है। घर से निकलना है तो जाम से नहीं बचा जा सकता। आलम ये है कि पुलिस कर्मी भी कई बार जाम के झाम को देखते हुए किनारे खड़े हो जाते हैैं। गाडिय़ों का रेला रोक पाना उनके बूते की बात नहीं। अगर आप बल्लीवाला चौक से प्रिंस चौक की तरफ बारात से लगने वाले जाम में फंस गए तो भगवान ही मालिक है। वहीं संडे को इंज्वॉय करने निकले लोग भी जाम में फंसकर खासा परेशान हुए।
हर जगह जाम ही जाम है
एसएसपी केवल खुराना के सार्थक प्रयास के बाद राजधानी की जनता ने राहत की सांस ली थी। लगभग हर रूट पर जाम की समस्या से निजात मिली। कई स्थान पर रूट डायवर्ट कर जाम को कम करने का प्रयास किया गया। चकराता रोड इसका सबसे बड़ा एग्जाम्पल है। जहां चौड़ीकरण के बाद रूट को वन वे कर यहां हमेशा लगने वाले जाम को समाप्त किया गया। हैरान करने वाली बात ये है कि अब इस रूट पर जाम की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। घंटाघर पर तो दिन के समय गुजरने का मतलब खुद को मुसीबत में डालने जैसा है। वापस एस्लेहॉल चौक से जाना भी संभव नहीं। ऐसे में जाम की मार झेल रहे लोगों के सामने यही सवाल रहता है कि जाएं तो जाएं कहां?
बारात बजा रही बैंड
परेशानी की बात ये है कि, सिटी के अधिकांश वेडिंग प्वॉइंट मिड प्वॉइंट पर हैैं, जहां बारात निकलने के दौरान दोनों तरफ का ट्रैफिक पूरी तरह चोक हो जाता है। दिन हो या रात स्थिति एक जैसी ही बनी रहती है। हालांकि, बीते दिनों दून पुलिस ने इंस्ट्रक्शंस दिए थे। इसके तहत सिटी में अगर बारात लेकर निकलनी हो तो इसके लिए परमिशन लेनी होगी। ये बात भी आई और गई। न तो कोई पुलिस के पास जाकर परमिशन लेने की जहमत उठाना चाहता है और न ही पुलिस इस दिशा में कोई ठोस कदम उठा रही है। बारात के जाम में एक बार फंसने के बाद कम से कम 30 मिनट का समय रोड पर ही गुजारना मजबूरी है।