-भोजनमाताओं ने किया विधानसभा कूच, मानदेय बढ़ाने की मांग
देहरादून,
मानसून सत्र को देखते हुए अपनी मांगें मनवाने के लिए आजकल तमाम सरकारी कर्मचारी व अन्य संगठनों का विधानसभा कूच का क्रम जारी है। इसी क्रम में मंगलवार को भोजनमाताओं के दो संगठनों ने विधानसभा कूच किया। उन्होंने मानदेय बढ़ोतरी व नियमितीकरण की मांग की है। उनका कहना है कि उन्हें हर माह सिर्फ दो हजार रुपये दिए जाते हैं, जिससे गुजारा मुश्किल है। सीटू से संबद्ध उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष रोशनी बिष्ट व महामंत्री मोनिका ने कहा कि बीते माह शिक्षा मंत्री ने भोजनमाताओं के मानदेय को पांच हजार रुपये करने की घोषणा की थी, लेकिन, इसका शासनादेश जारी नहीं हुआ। प्रगतिशील भोजनमाता संगठन की प्रांतीय अध्यक्ष हंसी गर्जोला व महामंत्री रजनी जोशी ने कहा कि भोजनमाताएं 18-19 वर्षो से स्कूलों में खाना बना रही हैं।
ये हैं मांगें::
-18 हजार रुपये न्यूनतम वेतन
-विद्यालयों को बंद करने पर रोक
-मध्याह्न भोजन योजना का निजीकरण न हो।
-भोजनमाताओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा मिले।
-अतिरिक्त कार्य न लिया जाए।
-सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी व पेंशन का लाभ और बोनस भुगतान हो।