- 10 दिन में 25 बाल श्रमिकों को किया गया रेसक्यू
- 6 साल में 361 बच्चे किए रेस्क्यू, 242 लोगों के चालान
देहरादून, 12 जून (ब्यूरो)।
बच्चों को बालश्रम से बचाने के लिए आयोग के दावे झूठे साबित होते जा रहे हैं। एक ओर जहां बाल आयोग लगातार बच्चों को रिहेब करने का दावा कर रहा है। लेकिन, बीते कुछ सालों में बाल श्रम के मिले आकंड़ों ने इसकी सच्चाई खोल कर रख दी है। बीते 10 दिन से चले अभियान के तहत 25 बच्चों को रेस्क्यू कराया गया। जून माह में एक्शन मंथ अगेंस्ट चाइल्ड लेबर के तहत अभियान शुरू होते ही एक्शन शुरू किया है।
प्रदेश में 2017 से अब तक रेस्क्यू
वर्ष - मुक्त बच्चे - एफआरआई - जुर्माना
2017 - 77 - 3 - 60,000
2018 - 51 - 15 - 5,00000
2019 - 99 - 55 - 13,0000
2020 - 51 - 42 - 26,38623
2021 - 56 - 41 - 2793867
2022 - 104 - 86 - 2964006
कुल - 361 - 242 - 1,02,56,496
(राशि रुपये में )
वर्जन -:
बाल आयोग बाल श्रमिकों के पुनर्वास को लेकर काम कर रहा है। इन दिनों दून समेत कई जिलों में एक्शन मंथ अगेंस्ट चाइल्ड लेबर के तहत मजदूरी करते हुए बच्चे मिलने पर कार्रवाई की जा रही है। यहीं नहीं बच्चों से मजदूरी कराने पर जुर्माना भी वसूला जा रहा है।
:- डॉ। गीता खन्ना, अध्यक्ष बाल कल्याण संरक्षण आयोग
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