- ट्यूजडे को मेष लग्न में सुबह 4:15 बजे खोले गए बदरीनाथ धाम के कपाट

- उत्तराखंड में चारों धाम के कपाट खुले, सरकार की ओर से यात्रा रखी गई है स्थगित

CHAMOLI: चमोली जिले में समुद्रतल से 10276 फीट की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट ट्यूजडे को मेष लग्न में तड़के 4:15 बजे सादगीपूर्वक खोल दिए गए। कपाट खुलने के मौके पर मुख्य पुजारी व धर्माधिकारी समेत कुल 28 लोग मौजूद रहे। मंदिर में पहली पूजा पीएम नरेंद्र मोदी के नाम से हुई। इसके साथ ही उत्तराखंड के चारों धाम के कपाट खोले जा चुके हैं। लेकिन, यात्रा पर सरकार ने कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल रोक लगाई हुई है। उधर, सुभांई गांव स्थित भविष्य बदरी धाम और उर्गम घाटी में वंशीनारायण मंदिर के कपाट भी ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। केदारपुरी में भी भैरवनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही केदारनाथ में मंदिर में सायंकालीन आरती शुरू हो गई।

सुबह 3 बजे शुरू हुई कपाट खुलने की प्रक्रिया

कपाट खुलने के मौके पर बदरीनाथ मंदिर को आठ क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया था। धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया तड़के तीन बजे शुरू हो गई थी। इसके बाद उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से धर्माधिकारी, मेहता थोक व भंडारी थोक के प्रतिनिधियों ने ठीक 4.15 बजे बारी-बारी से मंदिर के मुख्य द्वार पर लगे अपने-अपने तालों को खोला। द्वार खुलते ही मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने सीधे मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया और अखंड ज्योति के प्रथम दर्शन किए। कपाट खुलने के साथ भगवान नारायण के बालसखा उद्धवजी, देवताओं के खजांची कुबेरजी व गाडू घड़ा (तेल कलश) को दक्षिण द्वार से मंदिर के गर्भगृह में पहुंचाया गया। इसके बाद मंदिर में पहली महाभिषेक पूजा हुई। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूजा-अर्चना हुई।

भगवान भविष्य बदरी भी विराजे

जोशीमठ-मलारी हाइवे पर समुद्रतल से नौ हजार फीट की ऊंचाई पर सुभांई गांव में स्थित भविष्य बदरी धाम के कपाट भी ब्रह्ममुहूर्त में 4.15 बजे खोल दिए गए। परंपरा के अनुसार भविष्य बदरी के कपाट बदरीनाथ धाम के साथ ही खोले और बंद किए जाते हैं।

वंशीनारायण मंदिर के कपाट खुले

चमोली जिले की उर्गम घाटी में समुद्रतल से 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित भगवान वंशीनारायण मंदिर के कपाट भी खोल दिए गए हैं। पहले दिन भगवान वंशीनारायण को मक्खन का भोग लगाया गया। पहले यह मंदिर सालभर में सिर्फ एक दिन रक्षाबंधन पर्व पर ही खुलता था। लेकिन, बीते वर्ष ग्रामीणों ने मंदिर को छह माह के लिए खोलकर नई परंपरा की शुरूआत की।

भैरवनाथ मंदिर के कपाट भी खुले

RUDRAPRAYAG: केदारपुरी की पहाड़ी पर स्थित भकुंट भैरवनाथ मंदिर के कपाट भी ट्यूजडे सुबह 11:15 बजे पूजा-अर्चना के साथ खोल दिए गए। कपाट केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने खोले। इसके साथ ही केदारनाथ मंदिर में विधिवत रूप से सायंकालीन आरती शुरू हो गई। परंपरा के अनुसार केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद ट्यूजडे या सैटरेडे, जो भी पहले आए, उसी डेट पर भकुंट भैरवनाथ के कपाट खोले जाते हैं।

ऑनलाइन पूजा को करें रजिस्ट्रेशन

बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में ऑनलाइन पूजा कराने के लिए उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की बेवसाइट www.devsthanam.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया रजिस्ट्रेशन के बाद संबंधित श्रद्धालु की जन्म तिथि, गोत्र व नाम के आधार पर पूजा कराई जाएगी। इसके बाद उन्हें डाक से प्रसाद भी भेजा जाएगा।

गंगोत्री की बनेगी वेबसाइट, यमुनोत्री में नेटवर्क नहीं

UTTARKASHI: गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि देशभर में श्रद्धालुओं के पास तीर्थ पुरोहितों के मोबाइन नंबर हैं। श्रद्धालुओं के फोन करने पर धाम में उनके नाम से ऑनलाइन पूजा कराई जाएगी। इसके लिए गंगोत्री मंदिर समिति की वेबसाइट तैयार की जा रही है, ताकि श्रद्धालु आसानी से रजिस्ट्रेशन करा सकें। उधर, यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष राजस्वरूप उनियाल ने कहा कि धाम में नेटवर्क का बड़ा संकट है। फोन भी ठीक से काम नहीं करते। ऐसे में ऑनलाइन पूजा, आरती व दर्शन फिलहाल संभव नहीं हैं।

- उत्तराखंड के चारों धाम के कपाट खुले

- चमोली जिले में समुद्रतल से 10276 फीट की ऊंचाई पर स्थित है बदरीनाथ धाम

- ट्यूजडे को मेष लग्न में सुबह 4:15 बजे सादगीपूर्वक खोले गए मंदिर के कपाट

- कपाट खुलने के मौके पर मुख्य पुजारी व धर्माधिकारी समेत कुल 28 लोग रहे मौजूद

- पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर हुई मंदिर में पहली पूजा

- बदरीनाथ मंदिर को आठ क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया था

- यात्रा पर सरकार ने कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल रोक लगाई हुई है

- सुभांई गांव स्थित भविष्य बदरी धाम और उर्गम घाटी में वंशीनारायण मंदिर के कपाट भी खुले

- केदारपुरी में भी भैरवनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही केदारनाथ में मंदिर में सायंकालीन आरती हुई शुरू

- बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में ऑनलाइन पूजा के लिए www.devsthanam.uk.gov.in पर करें रजिस्ट्रेशन

- पूजा के बाद श्रद्धालुओं को डाक से भेजा जाएगा प्रसाद

- गंगोत्री की बनेगी ऑनलाइन वेबसाइट, यमुनोत्री में नेटवर्क नहीं, ऐसे में ऑनलाइन पूजा, आरती व दर्शन फिलहाल संभव नहीं