देहरादून, ब्यूरो:
उत्तराखंड सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट आयुष्मान कार्ड का सभी के लिए वरदान साबित हो रहा है। आयुष्मान योजना के आंकड़ों पर नजर डालें तो अभी तक चार वर्ष तक के 10097 बच्चों का उपचार आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क हुआ है। सरकार ने बच्चों के इलाज में 32.39 करोड़ रूपये खर्च किए।

5.17 लाख बार लाभार्थी मुफ्त
आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख प्रति वर्ष प्रति परिवार तक मुफ्त उपचार का लाभ अब तक 5.17 लाख बार लाभार्थी मुफ्त उपचार सुविधा का लाभ ले चुके हैं। उक्त लाभार्थियों की विभिन्न व्याधियों के उपचार करने में सरकार का 868 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है।

आयुष्मान कार्ड योजना के लाभ
-आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रदेश में कुल 232 अस्पताल सूचीबद्ध हुए।
-102 सरकारी और 130 निजी अस्पताल शामिल हुए।
- प्रदेश के बाहर 28 हजार हॉस्पिटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध।
- पंजाब, रामगढ़, हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा उत्तराखंडियों ने उठाया लाभ।
- 5 लाख 17 हजार लोगों ने उठाया मुफ्त उपचार का लाभ
- 1 लाख डायलिसिस के पेशेंट ने उठाया लाभ।
- 15000 पथरी के पेशेंट ने उठाया लाभ
-600 बर्न केस के पेशेंट ने उठाया लाभ।
- 4 लाख 32 हजार लोगों ने उठाया गोल्डन कार्ड का लाभ
-10097 बच्चों ने उठाया आयुष्मान योजना का लाभ।

हर परिवार को 5 लाख का मुफ्त उपचार
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन दिलीप कोटिया ने बताया कि आयुष्मान योजना प्रदेश में लागू हुई और प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख का मुफ्त उपचार और राज्य स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत उपचार पर अनलिमिटेड उपचार की व्यवस्था सरकार की ओर से हुई। योजना की बदौलत ही आज नौनिहालों को भी इलाज में लाभ मिल रहा है।

बच्चों को भी मिला लाभ
बच्चों की उम्र- 0-4
आयुष्मान का लाभ ले चुके बच्चे- 10,097
बालक - 1397
बालिका- 8700
नौनिहालों पर कुल खर्च- 32.39 करोड़

वर्जन
छोटे बच्चों की स्वास्थ्य रक्षा मां के आंचल की तरह है। चार साल तक के हजारों बच्चों को आयुष्मान के तहत उपचार मिल वे सेहतमंद हुए। आमजन तक योजना का लाभ पहुंचे इसकी मॉनिटरिंग के साथ ही योजना में कहीं भी किसी तरह की लापरवाही न हो, संबंधित अधिकारियों को इसके सख्त निर्देश दिए हैं।
डॉ। धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री


25 लाख परिवारों में से छह लाख अन्य स्वास्थ्य योजनाओं का ले रहे हैं लाभ
अटल आयुष्मान योजना के तहत अभी तक 18.25 लाख परिवारों के गोल्डन कार्ड बने हैं। इन परिवारों में से एक व्यक्ति का गोल्डन कार्ड बना है। अभी तक कुल 47.32 लाख व्यक्तियों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। इस संख्या के साथ गोल्डन कार्ड बनाने के मामले में उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य बन गया है। पहले स्थान पर केरल है। अब शत-प्रतिशत परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके लिए दो नई एजेंसियों का भी चयन किया गया है। यह गोल्डन कार्ड अब कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिये भी बनाए जा सकेंगे। इसमें विशेष यह है कि नवजात शिशुओं का इलाज उनके मां के गोल्डन कार्ड पर करने की सुविधा दी गई है। यह योजना राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से संचालित की जा रही है। प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि योजना के तहत कुल 75 लाख व्यक्तियों के कार्ड बनाए जाने हैं। अब सभी के कार्ड बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। अगले तीन माह में 20 से 25 लाख कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है।