देहरादून, (ब्यूरो): आप जिस पनीर के स्वाद का लुत्फ उठा रहे हैं, दरअसल वह पनीर नहीं जहर है। जी हां, मार्केट में 90 परसेंट पनीर नकली पहुंच रहा है। पनीर ऐसा कि असली व नकली की आप तुलना नहीं सकते। केमिकल की सहायता से तैयार सिंथेटिक पनीर मार्केट में 170 से लेकर 220 रुपए किलो तक बिक रहा है। सेपरेटा दूध से तैयार किए जा रहे पनीर में पाम ऑयल व डिटर्जेंट पाउडर की मिलावट है। दून में भी नकली पनीर का कारोबार चल रहा है। जानकारों की मानें तो दून में रोजाना करीब 2000 से 2500 कुंतल पनीर की खपत है। शादी-समारोह के सीजन में इसकी मात्रा 4000 से 5000 कुंतल तक पहुंच जाती है। खास बात यह है कि 90 परसेंट पनीर बाहर से सप्लाई हो रहा है। बाहर से सप्लाई पनीर में से 50 परसेंट से अधिक पनीर नकली पहुंच रहा है।
दिल्ली से पहुंच रहा नकली पनीर
नकली पनीर का कारोबार हर तरफ फैला है। दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व हरिद्वार आदि शहरों से रोजाना पनीर दून पहुंच रहा है। इसमें अधिकांश पनीर खाने योग्य नहीं होता है।
फैक्ट्री से नकली पनीर का सामान जब्त
बीते रोज खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापेमारी कर रायवाला के हरिपुरकलां में नकली पनीर बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी है। यहां पर एसिटिक एसिड और पाम आयल से पनीर बनाया जा रहा था। मौके पर 3 क्विंटल संदिग्ध पनीर टीम ने जब्त किए और पनीर के नमूने लेकर लैब भेजा। फैक्ट्री संचालकों ने खुद स्वीकारा हम नकली पनीर बनाते हैं, जिला अभिहित अधिकारी पीसी जोशी ने बताया फैक्ट्री में मौजूद पनीर को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। जबकि 80 किलो आरारोट, 60 किलो एसिटिक एसिड और 20 लीटर पाम आयल को जब्त किया गया। संचालक ने खुद स्वीकारा कि वह नकली पनीर बनाकर दून आदि जगहों पर सप्लाई करता है।
कानून लचर, खुद बचें
पनीर व अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को आज तक सजा नहीं हुई है। विभाग को सिर्फ चालान की पावर है। लचर कानून के चलते आरोपी चालान भुगत कर फिर निकली कारोबार के धंधे में जुट जाता है। कई बार मुकदमा दर्ज होने पर 10-20 वर्षों तक चलता है। क्विक न्यायिक प्रक्रिया न होने से नकली कारोबारियों के हौंसले बुलंद हैं। जानकारों की मानें तो नकेल के लिए सरकार को कानून में बदलाव की जरूरत है। जब तक कानून नहीं बनता लोगों को खुद बचना होगा।
नालापानी में भी पकड़ा था नकली पनीर
दून के नालापानी चौक पर भी कुछ समय पूर्व खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने नकली पनीर का गो-डाउन पकड़ था, यहां पर 10 कुंतल पनीर पकड़ा गया। दून में कई जगहों पर मिलावटी पनीर के गो-डाउन हैं। कुछ दिन पहले हरिद्वार में शांतिकुंज के पास चेकिंग के दौरान एक गाड़ी में सामान के नीचे 8 कुंतल नकली पनीर बरामद किया था। ये गाड़ी दिल्ली से पनीर ला रही थी। जांच में यह पनीर खाने योग्य नहीं पाया गया। विभाग ने संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
170 रुपये प्रति किलो तक रेट
जानकारों की मानें तो 5 लीटर दूध से 1 किलो शुद्ध पनीर बनता है। दो से ढाई हजार लीटर पनीर के लिए 10 हजार लीटर रोजाना दूध चाहिए, जो संभव नहीं है। यहां रोजाना सप्लाई होने वाले दूध का 10 परसेंट पूर्ति नहीं हो पा रही है। 90 परसेंट लोग घरों में मदर डेरी, अमूल, गोपालजी, मधुसूदन, आंचल व अन्य कंपनियों के पैकेट बंद दूध खरीद रहे हैं, तो आप सोच सकते हैं कि पनीर के लिए 10 हजार लीटर दूध कहां से आएगा। मार्केट मेें नकली पनीर 170 रुपए से 220 रुपए तक बिक रहा है। लोग लालच में आकर इस बीमारी को खरीद रहे हैं।
बीमारियों के बन रहे शिकार
डॉक्टरों की मानें तो मिलावटी पनीर से पेट में इन्फेक्शन का खतरा रहता है। इसके अलावा लिवर व किडनी खराब होने के चांसेस भी बढ़ जाते हैं। खास बात यह कि इसके लगातार सेवन से कॉलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
ऐसे तैयार किया जा रहा पनीर
नकली या मिलावटी पनीर अक्सर यूरिया, डिटर्जेंट, कोल्तार डाई, सल्फ्यूरिक एसिड इत्यादि से बनाया जाता है। थोड़ा सा दूध में सोडियम बाई-कार्बोनेट यानि बेङ्क्षकग सोडा डालते हैं, फिर इस मिश्रण को सस्ते वनस्पति तेल में मिलाया जाता है। इसके बाद इसमें बेङ्क्षकग पाउडर डाल कर पनीर बनाने के लिए छोड़ दिया जाता है।
ऐसे करें असली पनीर की पहचान
- असली-नकली पनीर दिखने में एक जैसा होता है।
- अगर यह चबाने में मुश्किल हो रहा है, तो यह कृत्रिम है।
- अगर इसका स्वाद बहुत खट्टा है, तो संभावना है कि पनीर नकली है।
- हाथ से मसलने पर पनीर टूटकर बिखरने लगे तो पनीर मिलावटी है।
- मुलायम होगा तो सही, अगर पनीर टाइट है तो मिलावटी।
- नकली पनीर को अगर पकड़ कर खीचें तो वह रबड़ की तरह ङ्क्षखचेगा।
खुद कर सकते हैैं जांच
पनीर को गर्म पानी में डालकर कुछ देर के लिए उबालें। फिर पानी को ठंडा कर लें। अब पनीर में आयोडीन ङ्क्षटचर की कुछ बूंदें डालें। अगर पनीर का रंग नीला पड़ जाए तो इसका मतलब है कि पनीर नकली है। अगर ऐसा ना हुआ तो पनीर असली है।
इन बीमारियों का है खतरा
- पेट में इंफेक्शन
- कॉलेस्ट्रॉल बढऩा
- हार्ट अटैक
- स्ट्रोक
- लिवर
- किडनी
नकली खाद्य पदार्थों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। यात्रा सीजन और त्योहारी सीजन में डिमांड बढ़ जाती है। डिमांड पूरी करने के लिए लोग मिलावटखोरी का कारोबार करते हैं। सूचना मिलते ही ऐसे लोगों पर तत्काल कार्रवाई की जाती है।
उपायुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन
खाद्य पदार्थ में केमिकल व अन्य रसायन के मिले होने पर पेट में इंफेक्शन का खतरा रहता है। पेट खराब हो जाता है। ब्लड गाढ़ा हो जाता है। यहां तक कि इससे कॉलेस्ट्रॉल बढऩे से हार्ट अटैक, किडनी व लिवर की बीमारी की आशंका कई गुना तक बढ़ जाती है।
डॉ। कुमार कॉल, फिजिशियन, दून हॉस्पिटल
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