देहरादून ब्यूरो। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार सचिवालय गार्ड एग्जाम का पेपर रायपुर स्थित यूकेएसएसएससी की बिल्डिंग में ही छपवाया गया था। इसे छापने का ठेका लखनऊ की आउटसोर्स एजेंसी आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशन को दिया गया था। कंपनी का कंप्यूटर ऑपरेटर प्रदीप पाल और उसकी टीम एग्जाम से एक हफ्ते पहले पेपर सेट करने और छापने के लिए आयोग की प्रिंटिंग पे्रस में आये थे। इसी दौरान एग्जाम से एक दिन पहले प्रदीप पाल ने पेपर पेन ड्राइव में कॉपी किया गया था।

10-10 लाख में बेचा पेपर
एसटीएफ के अनुसार प्रदीप पाल ने यह पेपर एक अन्य कर्मचारी जयजीत को दिया था। जयजीत वही है जिसने वीडीपीओ एग्जाम का पेपर के सेट पैकिंग करते हुए चुरा लिये थे। जयजीत पहले ही एसटीएफ के हत्थे चढ़ चुका है। जयजीत ने यह पेपर पीआरडी कर्मचारी मनोज जोशी तक पहुंचाया। वहां से पेपर जूनियर असिस्टेंट मनोज जोशी, कुलवीर सिंह, दीपक चौहान आदि के पास पहुंचा और उन्होंने कैंडीडेट्स को 10-10 लाख रुपये में पेपर बेचा। एटीएफ ने इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज करवाया है।

दो और गिरफ्तार
पेपर लीक मामलों में एसटीएफ ने सैटरडे को दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पेपर छापने वाली लखनऊ की आउटसोर्स कंपनी आरआईएमएस के मालिक राजेश चौहान के साथ ही इस कंपनी से सचिवालय गार्ड का पेपर पेन ड्राइव के कॉपी करने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रदीप पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रदीप पाल मूल रूप से बाराबंकी का रहने वाला है। वह 2017 से आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशन कंपनी से जुड़ा हुआ है और कंपनी के प्रेस संबंधी काम देखता है। फिलहाल वह कंपनी के दून की पाम सिटी स्थित फ्लैट में रहता है।

अब तक की कार्रवाई
एसटीएफ के अनुसार जिस जगह सचिवालय गार्ड का पेपर छपवाया गया था, एसटीएफ की टीम ने वहां का निरीक्षण किया। जिस लैपटॉप में पेपर तैयार किया गया था, उसे कब्जे में लिया गया है। जिस दिन पेपर छापा गया था, उस दिन की वीडियो फुटेज को कब्जे में लिया गया है। इसके अलावा कुछ ऐसे कैंडीडेट्स के बयान दर्ज किये हैं, जिन्हें एग्जाम से पहले पेपर उपलब्ध करवाया गया था।