देहरादून ब्यूरो। एसटीएफ के एसएसएपी अजय सिंह के अनुसार एसटीएफ टीम को सूचना मिली थी कि हरिद्वार जिले के रायपुर भगवानपुर में एक कंपनी में गैर कानूनी तरीके से दवाई बनाई जा रही हैं और ये दवाइयां सप्लाई भी की जा रही हैं। इस सूचना पर कार्यवाही करते हुए एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स टीम ने बताई गई दवा कंपनी एमएस रेमेडीज में देर रात रेड की।
नहीं था लाइसेंस
एसटीएफ की टीम ने जब कंपनी के मालिक से दवाइयां बनाने के लिए ली गई अनुमति और अन्य कागजात मांगे तो कंपनी मालिक इस तरह का कोई भी अनुमति पत्र या कागजात नहीं दिखा पाया। एसटीएफ टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर को मौके पर बुलाकर दवाइयों के सैंपल लिये। सैंपल जांच के लिए लैब भेजे जा रहे हैं। लैब से रिपोर्ट आने और कंपनी के मालिक की ओर से वैध अनुमति पत्र, लाइसेंस व अन्य जरूरी कागजात प्रस्तुत किये जाने तक के लिए कंपनी को सील कर दिया गया है।
गोदाम में लाखों की दवाइयां
एसटीएफ ने फैक्टरी के गोदाम को चेक किया तो वहां लाखों रुपए मूल्य की दवाइयां मिली। इन सभी दवाइयों के भी ड्रग्स इंस्पेक्टर ने सैंपल लिये। गोदाम को भी जरूरी जांच के बाद सील कर दिया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर के अनुसार फॉरेंसिक लैब में जांच के बिना यह नहीं कहा जा सकता कि दवाइयां नकली हैं। लैब से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है। हालांकि लाइसेंस और दवा बनाने संबंधी अन्य कागजात संबंधी मामला भी इसमें शामिल है।
पहले भी पकड़ी गई फैक्ट्रियां
एसटीएफ ने पिछले महीने भी उत्तराखंड और यूपी में कई जगहों पर छापा मारकर नकली दवाइयों के फैक्ट्रियां और गोदाम पकड़े थे। कोरोना काल में भी नकली दवाइयां बनाकर लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाले कई आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। एसटीएफ के अनुसार लैब से दवाइयों के सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद कंपनी और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।