-एचआईएचटी में भर्ती 54 वर्षीय महिला पाई गई कोरोना पॉजिटिव
-रैपिड टेस्ट में पुष्टि, आरटीपीसीआर कराने को कहा गया

देहरादून, 17 जनवरी (ब्यूरो)। एचआईएचटी जौलीग्रांट में भर्ती 54 वर्षीय एक महिला कोरोना पॉजिटिव मिली है। हालांकि, महिला की रैपिड जांच हुई है। आरटीपीसीआर जांच होने वाली बाकी है। इसके लिए विभाग ने अस्पताल प्रशासन को महिला की आरटीपीसीआर जांच कराने के लिए कहा है।

महिला तीन माह से थी अस्वस्थ
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ। सीएस रावत ने बताया कि महिला को 9 जनवरी को अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्हें गर्भाशय में रसोली (फाइब्रॉयड) की शिकायत है। आपरेशन से पहले स्क्रीङ्क्षनग के तहत उनका रैपिड टेस्ट किया गया। जिसमें वह पॉजिटिव मिली। अस्पताल प्रशासन से कहा गया है कि वह महिला की आरटीपीसीआर जांच कराएं। बताया गया कि महिला तीन माह से अस्वस्थ चल रही हैैं। उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन बंद मिला। टीम उनसे लगातार संपर्क करने का प्रयास कर रही है। संबंधित क्षेत्र में टीम भी भेजी जाएगी।

इस सीजन पर नजर
-उत्तराखंड में अब तक 4 लोगों में कोरोना की पुष्टि।
-इनमें 3 मामले दून व एक टिहरी जनपद में मिला।

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72 वर्षीय महिला में हुई पुष्टि
दून निवासी 72 वर्षीय महिला में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन-1 की भी पुष्टि हुई है। हालांकि, महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है।

कम्युनिटी स्प्रैड का खतरा नहीं
स्टेट में एकीकृत रोग निगरानी प्रोग्राम के राज्य नोडल अफसर डॉ। पंकज ङ्क्षसह के अनुसार अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि राज्य में कम्युनिटी लेवल पर कोरोना के प्रसार हुआ हो। उनके मुताबिक फिलहाल कोरोना को लेकर एकाध ही मामले आ रहे हैैं। लेकिन, इसके बावजूद भी भी लोगों से एहतियात बरतने के लिए कहा गया है। मास्क यूज करने, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सेनेटाइजेशन पर जोर देने के लिए कहा जा रहा है। जिससे कोरोना के खतरे से बचा जा सके।

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इन्फ्लुएंजा से बचाव को 30 परसेंट वैक्सीन की डिमांड बढ़ी
-सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन उपलब्ध नहीं, फ्लू के शिकार मरीज बचाव को प्राइवेट अस्पतालों में जाने को मजबूर
देहरादून, कोरोना के अलावा दून में इन्फ्लुएंजा के मामले में लगातार बढ़ रहे हैं। इस वायरस को देखते हुए अब लोगों इसके बचाव में वैक्सीन की डिमांड करने लगे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक दून में वर्तमान में करीब 30 परसेंट तक वैक्सीन की डिमांड बढ़ी है। वहीं, अस्पतालों में भी इन्फ्युएंजा के मामलों मेंं लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। दून मेडिकल कॉलेज के अलावा कोरोनेशन समेत प्राइवेट अस्पतालों में इन्फ्लुएंजा के मरीजों की भीड़ लगी हुई है। सबसे ज्यादा इसकी चपेट बच्चे और बुजर्ग आ रहे हैं। डॉक्टर्स उन्हें बचाव के लिए एहतियात बरतने के लिए कह रहे हैं।

अचानक बढ़ी वैक्सीन की डिमांड
दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के एचओडी पीडियोट्रिक डॉ। अशोक कुमार के अनुसार अस्पताल में इन दिनों में पीडिया व निक्कू वार्ड में फ्लू के पेशेंट में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। बचाव के लिए कई पेशेंट्स को पहले ही वैक्सीन की सलाह दी जाती है। मौसम के बदलने के कारण सबसे ज्यादा बच्चे व सीनियर सिटीजन इस वायरस के चपेट में आ रहे हैं। यही कारण है कि आईपीडी भी फुल चल रही है। वहीं, इन्फ्लुएंजा को देखते हुए वैक्सीन की भी डिमांड में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। दून हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। हरीश बसेड़ा के मुताबिक इन दिनों में फ्लू के पेशेंट पहुंच रहे हैं। लक्षण के बाद जांच कराई जा रही है। जिनमें पॉजिटिव भी आ रहे हैं। सावधानी के लिए ऐसे मरीजों को इन्फ्लुएंजा वैक्सीनेशन की सलाह भी दी जा रही है।

ये हैं इन्फ्लुएंजा के लक्षण
-जुकाम
-खांसी
-बुखार
-बदन दर्द
-सांस लेने में दिक्कत
-गले में खराश
-भूख न लगना

सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन नहीं
एसीएमओ डॉ। चंदन रावत के अनुसार इन्फ्लुएंजा वैक्सीन फिलहाल सरकारी अस्पतालों में मौजूद नहीं हैं। महंगी वैक्सीन होने के कारण ऐसे में पेशेंट्स प्राइवेट अस्पतालों में जा रहे हैं। वैक्सीन की कीमत 1300 रुपये से शुरू है। होलसेल कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव तनेजा ने बताया कि इन दिनों अचानक इन्फ्लुएंजा के वायरस से मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। यही वजह है कि वैक्सीन की भी डिमांड बढ़ी है। जिन मरीजों की इम्युनिटी कमजोर है, वे फ्लू का शिकार ज्यादा होते हैं। इसीलिए ऐसे पेशेंट्स वैक्सीन का यूज करते हैं।

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