देहरादून,ब्यूरो: उत्तराखंड 2025 में होने वाले नेशनल गेम्स की मेजबानी कर रहा है। राज्य में होने वाले 38वें नेशनल गेम्स का आयोजन 28 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रस्तावित है। इसे देखते हुए उत्तराखंड के खिलाडिय़ों की ओर से बेहतर प्रदर्शन करने के उद्देश्य से आयोजित होने वाले स्पेशल कैंप्स की कार्ययोजना के साथ ही वित्तीय स्वीकृति और खर्च की परमिशन भी शासन की ओर से प्रदान की गई है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि संशोधित शासनादेश से आयोजित ट्रेनिंग कैंप में राज्य के खिलाडिय़ों को लाभ मिलेगा। कहा, कई खेलों में स्पेशल ट्रेनिंग कैंप का आयोजन करने के लिए आवास व्यवस्था, भोजन भत्ता, स्पोट्र्स किट, यात्रा भत्ता, अन्य खर्च आदि पर होने वाले व्यय मानकों में संशोधन किया गया है।

ये किया गया है संशोधन

-आवासीय व्यवस्था के तहत भत्ता 150 से बढ़ा कर 800 रुपए प्रति खिलाड़ी व कोच किया गया।

-भोजन भत्ता भी 250 से बढ़ाकर 480 रुपए किया गया।

-स्पोट्र्स किट, ट्रैक सूट, खेल किट, शूज, शॉक्स व कैंप पर 5 हजार की मंजूरी।

-उपकरण के लिए खेल सामग्री को 25 हजार से बढ़ाकर 3 लाख किया गया।

-अन्य खर्च में लेखन सामग्री, जलपान मैदान मार्किंग सामग्री, मैदान का अनुरक्षण के लिए 25 हजार से बढ़ा कर 40 हजार किया गया।

-यात्रा भत्ता में भी बढ़ोत्तरी, 1500 से बढ़ाकर 2 हजार किया गया।

मानदेय में संशोधन

खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि कई खेलों में ट्रेनिंग कैंप के संचालन के लिए तैनात किए जाने वाले ट्रेनर हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर, हेड प्रशिक्षक, सहायक प्रशिक्षक, स्ट्रैंथ और कंडीशनिंग एक्सपर्ट के मानदेय में भी संशोधन किया गया है।

इस प्रकार से है नया मानदेय

-हेड कोच का मानदेय 75 हजार से बढ़ा कर 1.25 लाख किया गया।

-सहायक प्रशिक्षक का मानदेय 40 हजार से बढ़ा कर 80 हजार किया गया।

सपोर्टिंग स्टाफ होगा तैनात

38वें नेशनल गेम्स को देखते हुए इस बार संशोधित शासनादेश में अन्य सपोर्टिंग स्टाफ तैनात करने का प्रावधान भी किया गया है। इसके तहत फिजियो को 60 हजार रुपए प्रति माह किया गया है। जबकि, साइकोलॉजिस्ट को 60 हजार प्रति माह, पोषण विशेषज्ञ को 60 हजार व मसाजर को 40 हजार रुपए प्रति माह मानदेय दिए जाने पर मंजूरी दी गई है।

आर्थिक बाधा न आए, सरकार ने उठाए कदम

खेल मंत्री के अनुसार इस संसोधित शासनादेश में 38वें नेशनल गेम्स को देखते हुए उत्तराखंड के खिलाडिय़ों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से ये कदम उठाए गए हैं। जिससे प्रशिक्षक से लेकर सहायक सपोर्ट स्टाफ व खिलाडिय़ों को किसी भी प्रकार से आर्थिक चुनौती का सामना न करना पड़े। उनकी परफॉर्मेंस बेहतर हो और खिलाडिय़ों को अपनी प्रतिभा वल्र्ड लेवल पर रखने का अवसर मिले।

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