देहरादून ब्यूरो: हैरत में डालने वाली बात यह है कि ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल यादव वर्तमान में 7-7 पदों का प्रभार संभाल रहे हैं, जो भी निदेशक रिटायर हो रहा है उसका चार्ज यादव को सौंपा जा रहा है। ऊर्जा निगम खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी संभाले हुए है। उनके विभाग में जब ये हाल है तो दूसरे विभागों का हाल समझा जा सकता है।

शासन यादव पर मेहरबान
उत्तराखंड सरकार के साथ ही शासन भी यादव पर मेहरबान है। लंबे समय से रिक्त निदेशकों के पदों को नहीं भरा जा रहा है। नियमत: पद रिक्त होने के छह माह पूर्व भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन लंबे समय से शासन नियमों का उल्लंघन कर एक ही अधिकारी को लाभ पहुंचाने की जोड़-तोड़ कोशिशें चल रही है।

विकास कार्य हो रहे प्रभावित
एक ही अधिकारी के पास कई पदों के प्रभार होने से न केवल विभागीय काम प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि जनता को भी योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है। राज्य की बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। अधिकारियों की कमी के चलते 14 बिजली घरों का निर्माण समय पर पूरा नहीं हो सका है। इन बिजली घरों के निर्माण सेे लाखों को बिजली की सुविधा मुहैया होनी है। ऐसे एक नहीं अनेक प्रोजेक्ट लटके पड़े हैं, जिससे जनता को सीधा लाभ मिलना है।

एचआर से लेकर फाइनेंस तक का जिम्मा
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक के पास निदेशक एचआर और निदेशक वित्त का भी प्रभार है। निगम में एचआर का पद पिछले करीब दो साल से रिक्त है। बीच में यह पद पर चीफ इंजीनियर को प्रभार सौंपा गया, वह भी रिटायर हो गए। अब एचआर से लेकर फाइनेंस तक की फाइलें एमडी खुद निपटा रहे हैं।

पिटकुल के एमडी समेत 3 निदेशकों के चार्ज
ऊर्जा निगम के एमडी यादव के पास पिटकुल के एमडी, निदेशक फाइनेंस, निदेशक प्रोजेक्ट और निदेशक ऑपरेशन का चार्ज भी है। यहां भी कई हाईटेंशन लाइनों के निर्माण अधर में लटके हैं। ऑप्टीकल फाइबर जैसे अहम प्रोजेक्ट्स भी अधिकारियों की कमी के चलते समय पर शुरू नहीं हो पा रहे। निगम की आय का बड़ा स्रोत बनने वाली यह योजना आज लगभग अंतिम सांसे गिन रही है।

यादव के पास हैैं ये प्रभार
1. प्रबंध निदेशक ऊर्जा निगम
2. निदेशक एचआर ऊर्जा निगम
3. निदेशक फाइनेंस ऊर्जा निगम
4. प्रबंध निदेशक पिटकुल
5. निदेशक फाइनेंस पिटकुल
6. निदेशक प्रोजेक्ट पिटकुल
7. निदेशक ऑपरेशन पिटकुल