देहरादून (ब्यूरो) राज्य की सीमाओं पर पुलिस और राज्य कर विभाग को ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए ट्यूजडे को हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं। एक जनहित याचिका की सुनवाई पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य में अजैविक कचरे के निस्तारण के लिए सरकार को नियमावली बनाने को कहा और आदेश दिया कि कूड़ा वाहनों में एक माह में जीपीएस लगाने की कार्रवाई पूरी की जाए।
100 परसेंट एंट्री बैन
कोर्ट ने पुलिस और राज्य कर विभाग को सीमाओं पर अतिरिक्त निगरानी रखते हुए प्रतिबंधित प्लास्टिक की आवक 100 परसेंट रोकने के निर्देश दिए हैं। देहरादून नगर निगम की ओर से भी प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाने की तैयारी है। शहर में विभिन्न टीमें गठित कर छापेमारी की जाएगी। ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक के सामान्य प्रयोग पर पांच सौ रुपये का जुर्माना है। लेकिन, प्रतिष्ठानों में पालीथिन प्रयोग पर पांच हजार से 20 हजार रुपये तक भी जुर्माना वसूल किया जाता रहा है।
नगर निगम चलाएगा अभियान
नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से पॉलीथिन की आपूर्ति रोकने के लिए राज्य कर और पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में नगर निगम ने भी अभियान चलाकर कार्रवाई का निर्णय लिया है। नगर निगम की ओर से ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर कड़ा रुख अपनाने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत 50 हजार से लेकर 5-5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माना न भरने पर रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर वसूली की जाएगी।
दून में भी सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। अब तक जुर्माना कम होने के कारण कई व्यापारी पॉलीथिन का प्रयोग धड़ल्ले से करते रहते हैं। ऐसे में मोटा जुर्माना लगाकर ही पॉलीथिन प्रयोग को रोका जा सकता है। प्लास्टिक पर्यावरण के लिए अभिशाप है। इस पर अब कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
मनुज गोयल, आयुक्त, नगर निगम, देहरादून
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