देहरादून (ब्यूरो) एनजीटी के निर्देश पर नगर निगम ने काठबंगला बस्ती के निकट से मोथरोवाला तक करीब 13 किमी लंबाई पर रिस्पना के किनारे स्थित 27 मलिन बस्तियों में सर्वे किया। जहां वर्ष 2016 के बाद किए गए 524 निर्माण को चिह्नित किया गया। वर्ष 2016 के बाद किए गए इन अतिक्रमण ने 89 नगर निगम की भूमि, 12 नगर पालिका मसूरी और 11 नान जेड ए श्रेणी की भूमि हैं, जिन्हें खाली करने के नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जबकि, शेष 412 अतिक्रमण रिवरफ्रंट योजना के लिए एमडीडीए को हस्तांतरित भूमि पर पाए गए थे। जिन पर एमडीडीए आज से कार्रवाई करने जा रहा है। अतिक्रमण को लेकर एक सप्ताह का नोटिस भेजा जाएगा। साथ ही आपत्तियां प्राप्त होने पर उनकी दोबारा जांच भी की जाएगी।
रिवरफ्रंट के लिए चिह्नित करेंगे कब्जे
एनजीटी की ओर से नगर निगम को रिवरफ्रंट योजना के अंतर्गत आने वाली भूमि पर किए गए कब्जों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। दून में मुख्य रूप से रिस्पना और ङ्क्षबदाल नदी के किनारों को रिवरफ्रंट योजना के तहत विकसित करने की योजना पर वर्षों पूर्व तैयारी की गई थी, जिसके लिए शुरुआती चरण में सरकार ने पहल भी की। एमडीडीए को नदी के किनारों को विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन योजना परवान नहीं चढ़ सकी और रिवरफ्रंट योजना की भूमि पर धड़ल्ले से कब्जे होते गए।
नोटिस पीरियड खत्म
नगर निगम की ओर से अवैध कब्जों को नोटिस जारी किए गए थे, जिनका नोटिस पीरियड बीते 15 मई को समाप्त हो चुका है। अब इन कब्जों को हटाने की बारी है, लेकिन चारधाम यात्रा के कारण दून में अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए पुलिस नहीं मिल पा रही है।
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