देहरादून, (ब्यूरो): साइबर ठगी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। रोजाना साइबर ठगी के केस आने से पुलिस के माथे पर भी बल आ रहा है। हालांकि साइबर ठगों पर पुलिस लगातार शिकंजा कस रही है। लेकिन, इसके बावजूद साइबर ठगी पर ब्रेक नहीं लग पा रहा है। फ्राइडे को भी शेयर बाजार में पैसे लगाकर मुनाफा कमाने का झांसा देकर 43 लाख रुपये की ठगी करने वाले एक आरोपी को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मध्य प्रदेश के इंदौर से अरेस्ट किया है। इस मामले में एसटीएफ साइबर ठग के अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि रुड़की निवासी एक व्यक्ति ने ठगी की शिकायत दी थी।
साइबर ठगी के शिकार हो रहे लोग
पुलिस को दी गई कंप्लेन में शिकायतकर्ता ने बताया कि कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर ट्रेङ्क्षडग की जानकारी संबंधी एक विज्ञापन देखा था। विज्ञापन में दिए नंबर पर संपर्क करने पर उन्हें पहले फाच्र्यून अलायंस नाम के ग्रुप से वाट््सएप ग्रुप के साथ जोड़ा गया। इसमें ट्रेङ्क्षडग में अच्छा मुनाफा कमाने का लालच दिया जाने लगा। इसके बाद उन्हें एक आईडी दी गई और उस पर लॉग इन कराते हुए एक खाता खोला गया। ठगों ने वादा किया कि इस पर जो भी धन निवेश किया जाएगा उसका लाभ सुबह नौ बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक निकाला जा सकता है।
ऐसे दिया मुनाफे का झांसा
पहले दिन ट्रेङ्क्षडग हुई तो उन्हें 2000 रुपये मुनाफा दिखाया गया। यह रकम उन्होंने खाते में जमा कर ली। इसके बाद उनसे और अधिक धन निवेश कराया गया। पीडि़त से ठगों ने इस तरह कुल 43 लाख रुपये जमा करा लिए। इसका मुनाफा वेबसाइट पर 1.80 करोड़ रुपये दर्शाया गया। कुछ दिन बाद इस मुनाफे की रकम 2.26 करोड़ रुपये मुनाफे के रूप में दिखाई गई। इस तरह उनसे और रकम की मांग की गई। जब उन्होंने जमा धनराशि को निकालना चाहा तो उन्हें बताया गया कि अभी 98 लाख रुपये जमा करेंगे तो उनके रुपये निकाल सकते हैं। तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ और साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। साइबर थाना पुलिस ने खातों व मोबाइल नंबरों की जांच के बाद आरोपित सोनू निवासी शीतर नगर, विजयनगर, इंदौर को गिरफ्तार कर लिया।
9 माह में 100 करोड़ की ठगी
साइबर ठग नए-नए तरीकों से भोले भाले लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठग लुभावने व मुनाफे का आफर देकर लोगों की वर्षों की कमाई पर सेंध लगा रहे हैं। हाल यह है कि इस वर्ष जनवरी से अब तक साइबर ठगों ने 100 करोड़ की ठगी कर ली है, जबकि वर्ष 2023 में ठगी की धनराशि 117 करोड़ रुपये थी।
खास बात
- जागरूक न होने के कारण लोग हो रहे हैं ठगी के शिकार
- 10 प्रतिशत धनराशि भी नहीं आ पा रही है वापस
- 2023 में ठगों ने प्रदेश के लोगों से 117 करोड़ ठगे
- इस साल पिछले करीब 9 माह में 100 करोड़ से अधिक की ठगी आ चुकी सामने
- साइबर ठगों का बढ़ता मकडज़ाल बनता जा रहा है नासूर
- नए-नए तरीकों से भोले भाले लोगों को बना रहे ठगी का शिकार
- लुभावने व मुनाफे का आफर देकर लोगों की वर्षों की कमाई पर सेंध लगा रहे हैं।
इस तरह से हो रही साइबर ठगी
- डिजीटल अरेस्ट
- बैंकिंग व वित्तीय ठगी
- निवेश के नाम पर ठगी
- पार्सल के नाम पर
- परिचित बनकर
- फर्जी मुकदमे में फंसाने का डर
- आवाज बदलकर ठगी
- कुरियर में ड्रग्स होने की बात कहकरdehradun@inext.co.in