- इंदिरा मार्केट रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का विवाद सुलझा, कार्य तेजी के साथ स्टार्ट
-कॉट्रेक्टर के आपसी विवाद के चलते रुक गया था कंस्ट्रक्शन वर्क

देहरादून (ब्यूरो) : एमडीडीए के अधिकारियों के साथ ही क्षेत्रीय विधायक ने मामले में हस्तक्षेप कर कांट्रेक्टरों के विवाद को सुलझाने का प्रयास किया। आखिरकार एमडीडीए कांन्ट्रेक्टरों के बीच उपजे विवाद को सुलझाने में कामयाब रहा। ट्यजडे से काम को तेजी से स्टार्ट किया गया है। एमडीडीए के अधिकारियों का दावा है कि संबंधित कंपनी को तय समय पर कॉम्पलेक्टस का निर्माण करने की हिदायत दी गई है। इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। कंपनी को रात-दिन काम करके अगले 15 दिन में 40 फुट गहरे फाउंडेशन के 71 जालों को भरने के निर्देश दिए हैं।

240 करोड़ होंगे खर्च
पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप (पीपीपी) मोड में बन रहे इस प्रोजेक्ट पर करीब 240 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एमडीडीए को 24 माह में यह काम पूरा करना है। सितंबर 2022 में कॉम्पलेक्स निर्माण का कार्य शुरू हो गया था, लेकिन निर्माण कार्य का विधिवत शुभारंभ दिसंबर में सीएम के द्वारा भूमि पूजन के साज्ञथ हुआ। छह माह बीतने के बाद भी अभी तक बुनियाद तक नहीं खोदी जा सकी।

व्यापारी बोले, शीघ्र को प्रोजेक्ट का काम
इंदिरा मार्केट के प्रभावित व्यापारी परियोजना का काम जल्द से जल्द पूरा करने की मांग कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि उनका व्यवसाय खत्म हो गया है। प्रोजेक्ट के लिए दुकान टूटने के बाद वह घर पर बैठे हुए हैं। यदि प्रोजेक्ट जल्दी तैयार नहीं होता है, तो उनके सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो जाएगी। इस तरह यदि काम में विलंब होगा, तो उन्हें बड़ा नुकसान होगा। इसलिए एमडीडीए जल्द से जल्द कॉम्लेक्स का निर्माण कराकर व्यापारियों को दुकानें आवंटित करे्

ये था विवाद
बताया जा रहा कि जो ठेकेदार कॉम्पलैक्स का निर्माण कर रहा है उसके द्वारा दूसरे ठेकेदार को कार्य सबलेट किया गया है। जो कार्य थर्ड पार्टी ने किया है उसका करीब डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का मुख्य ठेकेदार पर बनता है, जिसका भुगतान होने के बाद ही कार्य स्टार्ट होगा। भुगतान को लेकर पिछले ढ़ाई माह से काम बंद था। काफी सुलह के बाद भी दोनों के बीच बात नहीं बन पा रही थी। ठेकेदार कार्य स्थल से मशीनें ले जाने वाला था कि एमडीडीए की सतर्कता से मशीनें साइट से नहीं उठ पाई। यहां पर बड़ी-बड़ी मशीनें हैं, जिनका एक दिन का लाखों में है। एमडीडीए ने भनक लगते ही साइट पर गार्ड बढ़ा दिए, जिसके बाद ठेकेदार पर दबाव बन पाया।

विधायक की मध्यस्थता में हुई थी वार्ता
मामले को सुलझाने के लिए 11 अप्रैल को कॉन्ट्रेक्टरों की एमडीडीए अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय विधायक खजानदास की मध्यस्ता में वार्ता हुई, जिसमें कंपनी ने एक विवाद सुलझाकर काम शुरू करने को एक सप्ताह की मोहलत मांगी। वार्ता में अल्टीमेटम दिया गया था कि यदि 18 अप्रैल तक काम शुरू नहीं हुआ, तो यह काम 20 अप्रैल के बाद दूसरे ठेकेदार को दे दिया जाएगा। बीस को फिर कंपनी ने चार दिन की मोहलत और मांगी। सोमवार से साइट का संचालन कर ट्यूजडे से विधिवत रूप से कार्य स्टार्ट कर दिया है।

क्या कहते हैं प्रभावित व्यापारी
हमें दुकान के बदले जल्द दुकान चाहिए। एमडीडीए ने 14 माह में दुकान देने की बात कही थी, लेकिन लगता नहीं कि तय समय पर काम होगा। काम शुरू हो गया है, तो अच्छी बात है। हमारा व्यवसाय चौपट हो गया है। एमडीडीए से विनती है कि शीघ्र कॉम्प्लेक्स का निर्माण पूरा किया जाए।
गिरीश धस्माना, व्यापारी

हमें ठेकेदारों के लड़ाई झगड़े से कोई मतलब नहीं है। मेरा कपड़ों का व्यापार है। एमडीडीए द्वारा निर्माण स्थल पर बैरिकेडिंग की गई है, जिससे पार्किंग के लिए जगह नहीं बची है। पार्किंग न होने लोग दुकान पर नहीं आते। मेरा पूरा व्यवसाय चौपट हो गया है।
प्रदीप तोपवाल, व्यापारी

ठेकेदारों के बीच लेन-देन को लेकर कुछ इश्यूज थे, जिन्हें सुलझा लिया गया है। अब निर्माण कार्य तेज गति के साथ स्टार्ट कर दिया गया है। कंपनी को रात-दिन कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। व्यापारियों से अपील है कि वह भरोसा रखें, उनके साथ किया गया वायदा समय पर पूरा होगा।
मोहन सिंह बर्निया, सचिव, एमडीडीए, देहरादून
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