देहरादून (ब्यूरो): वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिये स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रहने व किसी भी स्थिति से निपटने के लिये सभी तैयारियां पूरी रखने के निर्देश दिये गए हैं। खासकर देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी व टिहरी जिलों के विभागीय अधिकारियों को डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों से निपटने के लिये अवेयरनेस कैंपेन चलाने के साथ ही माइक्रो प्लान तैयार कार्य करने को कहा गया है।


माइक्रो वर्कप्लान बनाने के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने डीजी हेल्थ मुख्यालय में वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम को लेकर बैठक ली। कहा, आने वाले चार माह डेंगू व चिकनगुनिया सहित अन्य वेक्टर जनित रोगों के लिए बेहद संवदेनशील हैं। जिनसे निपटने के लिये आम लोगों में अवेयरनेस फैलाने के साथ ही विभागीय तैयारियों को पुख्ता किया जाना जरूरी है। मंत्री ने सभी सीएमओ को अपने जिलों में माइक्रो प्लान तैयार करने के साथ ही अन्य रेखीय विभागों के साथ बैठक करने के साथ वर्कप्लान को धरातल पर क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।

इन जिलों पर ज्यादा फोकस
-देहरादून
-हरिद्वार
-ऊधमसिंहनगर
-चंपावत
-नैनीताल
-पौड़ी
-टिहरी

दिए गए हैं ये निर्देश
-गत वर्षों के आंकड़ों को देख मैदानी जनपदों में टीम को रखा जाए अलर्ट मोड पर।
-जिलों में संभावित डेंगू मरीजों को देखते हुए आइसोलेटेड बेड रिजर्व हों।
-मेडिसिन व ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में ब्लड की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
-डेंगू कंट्रोल में आशा वर्कर्स के माध्यम से संभावित क्षेत्रों का सर्वे हो।

जिलों में विभाग की समीक्षा बैठक
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 17 जून के बाद वे हर जिले में स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेंगे। जिसमें संबंधित सांसद, क्षेत्रीय विधायक व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही स्वास्थ्य सचिव, डीजी हेल्थ, डीएम व विभागीय अधिकारी शामिल होंगे।

विभाग में भरे जाएंगे पद
डॉ। रावत ने कहा कि विभाग के तहत सभी संवर्गों के खाली पदों का विवरण तैयार कर उनको भरने की प्रक्रिया अपनाई जाए। कहा, विभाग की सबसे निचली इकाई आशा वर्कर्स, एएनएम, वार्ड ब्वॉय, सीएचओ, टेक्नीशियन, नर्सिंग अफसर, एमओआईसी सहित डॉक्टरों व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के खाली पद भरे जाने जरूरी हैं। जिसके लिए प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है।

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