-राजधानी के हर इलाके से सांप दिखाई देने के दिनभर बजते रहे फोन
-पूरे दिन वन विभाग को करीब एक दर्जन से ज्यादा फोन कॉल पहुंचे
देहरादून (ब्यूरो): सच्चाई ऐसी ही है। थर्सडे को राजधानी दून में एक नहीं, करीब-करीब हर इलाके से घरों के आसपास या फिर कॉलोनियों में सांप, मोनिटर लेजर्ड व बंदरों के आतंक को लेकर एक दर्जन से ज्यादा फोन कॉल्स रिसीव किए गए। हालांकि, मामलों से निपटने के लिए फॉरेस्ट हेडक्वार्टर की टीम सुबह से लेकर शाम तक दौड़ती रही। इस बीच रेस्क्यू टीम ने 6 सांप रेस्क्यू कर जंगल में छोड़े।
पूरे दिन दौड़ती रही रेस्क्यू टीम
दून में यह कोई नया मामला नहीं है, जब सांप दिखाई देने के फोन फॉरेस्ट हेड क्वार्टर रेस्क्यू टीम तक न पहुंचते हों। लेकिन, थर्सडे को घनघनाने वाले फोन कॉल्स में खासा इजाफा देखने को मिला। शुरुआत सीएम कैंप से हुई। यहां कैंप ऑफिस में कोबरा दिखाई देने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची टीम ने कोबरा को रेस्क्यू किया। इसके बाद एक के बाद एक-एक करके कई इलाकों से सांप दिखाई देने की फोन बजते रहे। चंद्रबनी, टर्नर रोड, चीड़ोंवाला, बनियावाला, ओएनजीसी, हरिद्वार बाईपास, त्यागी रोड व रायपुर से लगातार सांप दिखाई देने की सूचनाएं मिलती रही। बताया गया है कि वन विभाग को करीब 15 फोन कॉल रिसीव हुए। इसको लेकर दिनभर टीम दौड़ती रही। रेस्क्यू टीम में जीतेंद्र बिष्ट, सुदर्शन शामिल रहे।
इन इलाकों से आए फोन
-सीएम कैंप ऑफिस
-चंद्रबनी
-टर्नर रोड
-चीड़ोंवाला
-बनियावाला
-ओएनजीसी
-हरिद्वार बाईपास
-रायपुर
-त्यागी रोड
मोनिटर लेजर्ड किया गया रेस्क्यू
सांप दिखाई देने के क्रम में चंद्रबनी इलाके से रेस्क्यू टीम ने मोनिटर लेजर्ड के दिखाई देने की सूचना मिली। जिसके बाद टीम ने लेजर्ड को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा।
बंदरों का आतंक भी जारी
वन विभाग बंदरों के आतंक से भी परेशान है। आए दिन विभाग के पास तमाम इलाकों से उत्पाती बंदरों को लेकर शिकायतें आ रही है। हालांकि, विभाग ने इनसे निपटने के लिए यूपी से बंदर पकडऩे वाली रेस्क्यू टीम को बुलाया है। बताया जा रहा है कि पिछले दो दिनों में इस टीम ने करीब 56 बंदरों को पकड़ा है। थर्सडे को रेस्क्यू टीम ने भी ओएनजीसी से एक उत्पाती बंदर को रेस्क्यू करने में सफलता पाई।