-विधानसभा सत्र में 5720.78 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश
-रोजगार, स्वरोजगार, रोड, हेल्थ व इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर जोर
देहरादून, डेढ़ माह पहले ही सीएम पद की अहम जिम्मेदार संभालने वाले पुष्कर सिंह धामी अब आगे युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार देने, रोड कनेक्टिविटी और हेल्थ फैसिलिटीज के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की चुनौती से निपटेंगे। अनुपूरक बजट में धामी ने अपने आगे के एजेंडे की झलक दिखाने की कोशिश की है। अनुपूरक बजट में भी बड़ा दारोमदार केंद्रपोषित योजनाओं पर है। इसके लिए 3178.87 करोड़ की व्यवस्था रखी गई है।
सीएम ने सामने रखी अपनी प्राथमिकताएं
राज्य गठन के 20 वर्ष से ज्यादा के समय में यह पहली बार हुआ है कि सीएम का एजेंडा मुख्य बजट के बजाय अनुपूरक बजट में दिखाई दिया। धामी सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में 5720.78 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। विधानसभा चुनाव से पहले अनुपूरक बजट के माध्यम से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपनी प्राथमिकताएं सामने रखीं। यह भी तकरीबन तय हो गया कि सीएम अपने इसी विजन के अनुरूप आगे बढ़ेंगे। दरअसल, बीती छह मार्च को गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान जब चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया गया था, तब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री थे। मुख्यमंत्री धामी ने भी 2017 के बाद से प्रदेश में चल रही भाजपा सरकार के एजेंडे को ही आगे जारी रखने के संकेत दिए हैं। सीएम धामी के सामने चुनौतियों का पहाड़ है। पिछली सरकार के कुछ फैसलों को लेकर जनाक्रोश उभरा है। कोरोना महामारी की वजह से पिछले डेढ़ साल से ठप पड़े विकास कार्यों के चलते आम जन की अपेक्षाएं अधूरी हैं। धामी को इस पर नए सिरे से कदम बढ़ाने हैं। मानसून सत्र में अनुपूरक बजट को लाकर धामी ने इन्हीं चुनौतियों से निपटने का अपरा रोडमैप दिखाया है।
रोड कनेक्टिविटी को प्राथमिकता
पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में अवस्थापना विकास धीमा है तो मैदानी क्षेत्रों की तुलना में सड़कों का जाल कम ही है। पीएम ग्रामीण सड़क योजना में ग्रामीण सड़कों की कनेक्टिविटी मजबूत बनाने के लिए मिलने वाली धनराशि का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। लेकिन, अनुपूरक बजट में सरकार ने रोड कनेक्टिविटी को प्राथमिकता में रखा है। इसके अलावा सरकारी विभागों में रिक्त करीब 24 हजार पदों पर भर्तियां खोलने को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अलावा करीब एक लाख स्वरोजगार मुहैया कराने की कवायद भी अंतिम चरण में है।
अनुपूरक बजट में प्रमुख योजनाओं के लिए धनराशि
-पीएम ग्राम सड़क योजना को 570
-एनएचएम को 449
-जल जीवन मिशन को 401
-कोरोना आपदा में विविध सहायता को 600
-सीएम स्वरोजगार योजना को 100
-श्री केदारनाथ एवं बदरीनाथ में प्रस्तावित कार्यो के लिए 15
(बजट की धनराशि करोड़ में है.)
छूट गए 33216 गर्ल्स को देंगे कन्या धन: सीएम
विधानसभा में मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि नंदा गौरा योजना में 2015-16 व 2016-17 में वंचित 33216 गर्ल्स को कन्या धन मिलेगा। इसके लिए 49.42 करोड़ की राशि सरकार मुहैया कराएगी। विधानसभा सत्र के दौरान सदन में विधायक मनोज रावत ने कार्य स्थगन के तहत नंदा गौरा योजना से प्रदेश में बड़ी संख्या में गर्ल्स के वंचित होने का मुद्दा उठाया। सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि एकीकरण के चलते 38635 गर्ल्स लाभ से वंचित रह गई। मामले पर महिला सशक्तीकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के जवाब पर विपक्ष के विधायक भड़क गए। विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि 2015-16 में 11300 और 2016-17 में 21916 बालिकाएं कन्या धन योजना के लाभ से वंचित रह गई। इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सदन में वंचित गर्ल्स को योजना का लाभ देने की घोष्ाणा की।
नए जिलों का मुद्दे काे भी हवा
चुनावी वर्ष में विपक्ष ने राज्य में नए जिलों के गठन के मुद्दे को हवा दी है। सत्र में मंगलवार को विपक्ष ने कार्यस्थगन के जरिये यमुनोत्री, कोटद्वार, डीडीहाट व रानीखेत जिलों का मसला उठाया। सरकार की ओर से इस मामले में विचार करने की बात कही गई। विधायक राजकुमार ने जिलों का मसला उठाते हुए कहा कि वर्ष 2011 में तत्कालीन सरकार ने चार जिलों यमुनोत्री, कोटद्वार, डीडीहाट व रानीखेत के गठन का एलान किया था। संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने भी अपने अंदाज में जवाब दिया। कहा, पांच साल कांग्रेस सत्ता में रही, लेकिन तब याद नहीं आई। अब चुनाव नजदीक हैं, तब याद आ रही है।