देहरादून, ब्यूरो: उत्तराखंड में 40 से 50 साल पुराने बांधों की लाइप बढ़ाने की तैयारी शुरू की गई है। इसके लिए वल्र्ड बैंक ने 274 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया है। इससे केवल बांधों की लाइफ बढ़ेगी, बल्कि सुरक्षा के साथ पावर जनरेशन भी बढ़ेगा। योजना के तहत बांधों में सिविल के साथ ही इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल वर्क होंगे। स्वीकृत बजट में हो रहे कार्यों को परखने के लिए रिव्यू लेने उत्तराखंड पहुंची वल्र्ड बैंक की टीम ने प्रोजेक्ट्स के तहत स्वीकृत कार्यों के परफोरमेंश को दूसरे राज्यों की तुलना में सराहना की है। उत्तराखंड के साथ ही वल्र्ड बैंक की टीम ने देहरादून में देश के 9 अन्य राज्यों का भी रिव्यू लिया।
कई बैराज शामिल
उत्तराखंड के पुराने बांधों को केंद्रीय जल आयोग ने डैम रिहेबिलिटेशन एवं इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट (ड्रिप) के अंतर्गत मंजूरी दी है। जिस वल्र्ड बैंक फंडिंग कर रहा है। प्रोजेक्ट के तहत 50 साल पुराने इच्छाड़ी और मनेरी मनेरी डैम को लिया गया है। इसके अलावा डाकपत्थर बैराज, आसन बैराज, पशुलोक बैराज और जोशियाड़ा बैराज को लिया गया है।
बांधों और बैराजों की बढ़ेगी उम्र
ड्रिप के तहत होने वाले कार्यों से बांधों और बैराजों की उम्र बढ़ेगी। उत्तराखंड में कई ऐसे बांध हैं, जो अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं। इन बिजली परियोजनाओं मे इच्छाड़ी सबसे ऊपर है। ड्रिप के फेज-2 के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। ये कार्य अगल छह साल में पूरे होंगे।
बांध सुरक्षा एक्ट 2021 लागू
केंद्र सरकार बांधों की सुरक्षा के प्रति बेहद संवेदनशील दिख रही है। पिछले साल डैम सेफ्टी एक्ट 2021 बनाकर पूरे देश में लागू किया। सरकार उम्र पार कर चुके बांधों और बैराजों का रिनोवेशन करके लाइफ बढ़ाने की दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ा रही है। इस प्रोजेक्ट को भी इसी का हिस्सा बताया जा रहा है।
ये दो बांध होंगे अपग्रेड
इच्छाड़ी डैम
मनेरी डैम
ये बैराज हैं शामिल
डाकपत्थर
आसन
पशुलोक
जोशियाड़ा
सुधरेगी बिजली परियोजनाओं की हालत
पावर हाउसों में मशीनों के रिनोवेशन का काम हर साल होता है, लेकिन बांधों के एक्स्ट्रनल मेंटेनेंस वर्क बहुत कम होते हैं। अभी तक केवल एक ही बार बांधों के रिहेबिलिटेशन और इम्पू्रवमेंट कार्य हुआ है। कई बांध ऐसे हैं जिनकी उम्र पूरी हो चुकी है, लेकिन उनका इम्प्रूवमेंट नहीं हुआ है। कई बांध जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं। कई बैराज जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिनकी सुरक्षा को लेकर बार-बार सवाल उठते रहे हैं। ऐसे बांधों और बैराजों को चिन्हित करके वल्र्ड ने अपग्रेडेशन की योजना बनाई है। जिस पर कार्य शुरू कर दिया गया है।
केंद्रीय जल आयोग ने ड्रिप प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड के दो बांध और चार बैरोजों को वल्र्ड बैंक के तहत 274 करोड़ रूपये का बजट स्वीकृत किया गया है। रिनोवेशन और अपग्रेडेशन के इस कार्य से बांधों और बैराजों की लाइप ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि बिजली उत्पादन में भी सुधार होगा्
संदीप सिंघल, मैनेजिंग डायरेक्टर, यूजेवीएन लिमिटेड, उत्तराखंड