ये गाइड देश-दुनिया के टूरिस्ट को देंगे सेवाएं, एक्सपट्र्स की मौजूदगी में दी गई ट्रेनिंग
-ट्रेनिंग में युवाओं के साथ ही ढाबे संचालक, टैक्सी संचालकों को भी किया गया शामिल

देहरादून, 18 अप्रैल (ब्यूरो)। उत्तराखंड में मौजूद हेरिटेज को एक्सप्लोर करने व देश-दुनिया के पर्यटकों तक इनकी जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से टूरिज्म विभाग ने 4050 हेरिटेज टूरिस्ट गाइड को तैयार किया है। बाकायदा, कई दिनों तक गाइड के तौर पर चयनित युवाओं को इसके लिए ट्रेनिंग भी दी गई है। अब टूरिज्म डिपार्टमेंट के अनुसार ये हेरिटेज टूरिस्ट गाइड तैयार हैं। कईयों ने टूरिस्ट गाइड को मोर्चा भी संभाल लिया है। खास बात ये है कि जिन डिस्ट्रिक्ट में इन हेरिटेज टूरिस्ट की ट्रेनिंग हुई, उनमें करीब 30 परसेंट तक महिलाओं का पार्टिसिपेशन देखने को मिला। जबकि, कई डिस्ट्रिक्ट के ऐसे क्षेत्र भी शामिल रहे। जहां, टारगेट के एवज में ट्रेनिंग के लिए ज्यादा युवा पहुंच गए।
आईआईटी के एक्सपट्र्स शामिल
उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट ने टीएसएसी यानि टूरिज्म हॉस्पिलिटी स्किल काउंसिल प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार की मदद से युवाओं को हेरिटेज टूरिस्ट गाइड की ट्रेनिंग दी है। कई महीनों तक राज्य के तमाम डिस्ट्रिक्ट में ये ट्रेनिंग जारी रही। कम से कम 10 दिनों की ट्रेनिंग में एक्सपट्र्स ने इन युवाओं को कई जानकारियों शेयर की। यहां तक उन्हें ऐसे हेरिटेज स्पॉट तक ले जाया गया। जिनके बारे में उनको जानकारियां तक नहीं थी। एक्सपट्र्स के तौर पर आईआईटी रुड़की, पद्मश्री इतिहासकार, देवप्रयाग नक्षत्र वेदशाला के प्रभाकर जोशी जैसे एक्सपट्र्स शामिल रहे।


दिए गए सर्टिफिकेट
एडी के मुताबिक जरूरत पड़ी तो इन्हें एडवांस ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जा सकती है। जिन युवाओं को गाइड के तौर पर ट्रेनिंग ली है। उनकी जानकारी मार्केट में उपलब्ध करा दी गई है। खासकर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, ट्रेवल इंडस्ट्री, गढ़वाल मंडल विकास निगम, कुमाऊं मंडल विकास निगम समेत अन्य डिपार्टमेंट शामिल हैं। जिससे डिपार्टमेंट को इन गाइड की जानकारी आसानी से मिल सके। ट्रेनिंग में टैक्सी व ढाबे संचालक भी शामिल रहे। विभाग का कहना है कि टूरिस्ट के आने के बाद टैक्सी संचालक कैसे उन के साथ बिहेव करें, कैसे ढाबे संचालक हाईजीन का ध्यान रखें, की भी जानकारी दी गई।


हेरिटेज टूरिस्ट गाइड पर एक नजर
-गढ़वाल व कुमाऊं मंडलों के तमाम एरियाज में हुई ट्रेनिंग।-सभी 13 डिस्ट्रिक्ट में युवाओं के चयन के बाद दी गई स्पेशल ट्रेनिंग।-इसके लिए एक्सपट्र्स की ओर से ऑन स्पॉट क्लासेस भी ली गई।-एक्सपट्र्स में पद्मश्री, आईआईटी रुड़की, इतिहासकार व जर्नलिस्ट भी रहे शामिल।-हेरिटेज में कोटद्वार, पौड़ी, उत्तरकाशी, चारधाम के हेरिटेज भी रहे शामिल।-कुमाऊं में पिथौरागढ़ से लेकर धारचूला तक के हेरिटेज किए गए शामिल।
इन क्षेत्रों में दी गई ट्रेनिंग
-बर्ड वॉचिंग
-सफारी
-ट्रेकिंग
-माउंटिनेरिंग
-टूरिस्ट का कैसे हो वेलकम
-टूरिस्ट से कैसे करें बिहेव


धारचूला के गांवों 30 परसेंट जनजातीय महिलाएं
वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट के तहत पिथौरागढ़ धारचूला के सीमावर्ती गांवों में रहने वाले जनजातीय युवाओं ने हाल में ट्रेनिंग में प्रतिभाग किया। दरअसल, वाइब्रेंट योजनाओं में धारचूला के सीमांत क्षेत्र में टूरिज्म डेवलपमेंट पर विशेष फोकस किया गया। व्यास घाटी दो वर्ष पूर्व ही सड़क से जुड़ी है। लिपुलेक तक सड़क निर्माण हो जाने के बाद अब बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचने लगे हैं। जिससे स्थानीय लोगों को भी अब सड़क मार्ग से आवागमन की सुविधा मिल गई है। ट्रेनिंग में 30 परसेंट महिलाओं की भागीदारी रही, जो वर्ड वॉचिंग, सफारी, ट्रेकिंग, माउंटिनेरिंग समेत पर्यटकों को जंगलों की सैर कराने में मार्गदर्शन करेंगे।


धारचूला के इन गांवों के युवाओं को मिली ट्रेनिंग
-गब्र्यांग
-दुग्तु
-गुंजी
-कुटी
-नेपालचू
-नाबी
-रोंगकोंग
-बार्लिंग

हेरिटेज टूरिस्ट गाइड से लाभ
-स्थानीय युवा टूरिज्म व्यवसाय से जुड़ सकें।-स्वरोजगार की संभावनाओं पर काम कर सकें।-दुनियाभर से आने वाले टूरिस्ट को गाइड की सुविधा मिल सके।-उत्तराखंड के हेरिटज को बड़े लेवल बढ़ावा मिल सके।-----

उत्तराखंड में सैकड़ों की तादात में हेरिटेज मौजूद हैं। टूरिज्म डिपार्टमेंट स्पेशल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। चार हजार से ज्यादा हेरिटेज टूरिस्ट गाइड तैयार किए गए हैं। इसका लाभ टूरिज्म सेक्टर व टे्रनिंग लेने वाले युवाओं को यकीनन मिलेगा।पूनम चंद, एडी, उत्तराखंड टूरिज्म बोर्ड
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