देहरादून, (ब्यूरो): इस सीजन में विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के तीन माह पूरे हो चुके हैं। प्राकृतिक आपदाओं के तमाम उतार-चढ़ाव के बीच अब तक इस बार चारधाम के अलावा हेमकुंड साहिब पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 32.51 लाख तक पहुंची है। हालांकि, मानसून में यात्रा मार्ग ब्लॉक हो जाने और भारी बारिश के चलते यात्रा की रफ्तार काफी हद तक धीमी पड़ी है। लेकिन, माना जा रहा है कि बारिश कम होते ही एक बार फिर से यात्रा मई-जून की तर्ज पर स्पीड पकड़ेगी। जिसके लिए सरकार यात्रा मार्गों को दोबारा सुचारू करने व यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराए जाने के लिए प्रयासरत है। लेकिन, इस बार 10 मई से लेकर अब तक इस यात्रा सीजन में 180 यात्रियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। जिसमें 3 ऐसे यात्री शामिल रहे। जिन्हें प्राकृतिक आपदाओं का शिकार होना पड़ा।

फेक रजिस्ट्रेशन पर कई दबोचे

अबकी बार जब 10 मई से चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई। यात्रियों में जबरदस्त उत्साह दिखा। जबकि, फरवरी महीने से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुकी थे। यात्रा की शुरुआत होने के बाद तो यात्रा पर आने वाले यात्रियों को लगातार रिकॉर्ड टूट रहा था। बढ़ते जा रही यात्रियों की संख्या को देखते हुए कई बार धामों में कैरिंग कैपिसिटी का मुद्दा भी उछला। यहां तक कि कई टूर एंड ट्रेवल्स व एजेंट्स भी यात्रियों के फेक रजिस्ट्रेशन करवाने के नाम पर पकड़े गए, कुछ के खिलाफ केस दर्ज हुए। लेकिन, इसके बावजूद यात्रा पीक सीजन मई व जून में उफान पर रही।

मानसून को लेकर उतार-चढ़ाव भी रहे

मानसून के दस्तक देते ही भारी बारिश के बीच यात्रा में दिक्कतें पैदा होने लगी। 31 जुलाई को केदारनाथ पैदल यात्रा पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। कई स्थानों पर यात्रा मार्ग ध्वस्त हो गई और यात्री कई स्थानों पर फंस गए। बदले में केंद्र सरकार ने इन यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए चिनूक हेलीकाप्टर व एमआई-17 के साथ एनडीआरएफ की तैनाती। इस दौरान करीब 15 हजार से ज्यादा यात्रियों को सुरक्षित निकालने का दावा किया गया। जिसमें उत्तराखंड एसडीआरएफ, पुलिस व प्रशासन का भी सहयोग रहा। मानसून के देखते हुए हुए फिलहाल यात्रा की रफ्तार धीमी पड़ी है और केदारनाथ यात्रा मार्ग को सुचारू किए जाने के प्रयास जारी हैं। लेकिन, इस सबके बीच अब तक चारधाम यात्रा समेत हेमकुंड साहिब यात्रा पर पहुंचने यात्रियों की संख्या 32.51 लाख पहुंची है।

चारधाम व हेमकुंड पहुंचने वाले यात्री

बदरीनाथ---898744

केदारनाथ---1093160

गंगोत्री---59595

यमुनोत्री---512328

हेमकुंड साहिब--145361

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कुल यात्री पहुंचे --3251827

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(ये आंकड़े 12 अगस्त, सुबह 11.20 बजे तक )

4 लाख से ज्यादा वाहनों की रही संख्या

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के प्रेस नोट के मुताबिक चारधाम व हेमकुंड साहिब यात्रा पर पहुंचने वाले यात्रियों के वाहनों की संख्या 403983 रही है। इसमें बदरीनाथ पहुंचे वाहनों की संख्या 102223, हेमकुंड पहुंचे 20502, केदारनाथ पहुंचे 169575, गंगोत्री पहुंचे 62950 और यमुनोत्री पहुंचे वाहनों की संख्या 48733 रही है। इस प्रकार कुल वाहन चारधाम व हेमकुंड साहिब 403983 पहुंचे। जिनके जरिए देशभर से यात्री इन धामों तक पहुंचे। यात्रा पर आने से पहले यात्रियों को अपने वाहनों को रजिस्ट्रेशन व ग्रीन कार्ड इश्यू करवाना जरूरी किया गया है।

180 यात्रियों को गंवानी पड़ी जान

इस बार चारधाम यात्रा के दौरान पिछले 92 दिनों में 180 यात्रियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। इसकी सबसे बड़ी वजह हार्ट अटैक आ जाना और यात्रा के दौरान स्वास्थ्य खराब होना बताया जा रहा है। हालांकि, इसमें से 3 यात्रियों की मौत प्राकृतिक आपदा से बताई गई है। इस प्रकार से इस सीजन में चारधाम यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा यात्रियों की मौत 86 केदारनाथ में दर्ज की गई। जहां 3 यात्रियों की मौत प्राकृतिक आपदा से हुई। इसके बाद 44 बदरीनाथ, 31 यमुनोत्री और सबसे कम हेमकुंड साहिब में हुई।

धामों में मृतकों की संख्या

-बदरीनाथ--44

-हेमकुंड--4

-केदारनाथ--83

-गंगोत्री--15

-यमुनोत्री--31

सीजन में 25 हजार के पार, अब 2 हजार पर सिमटी यात्रा

मानसून के कारण आजकल यात्रा सिमट चुकी है। जबकि, केदारनाथ में अभी पैदल यात्रा मार्ग से सही तरीके से सुचारू नहीं हो पाई। जबकि, अन्य धामों में भारी बारिश, यात्रा मार्ग के प्रभावित होने के कारण यात्रा पर जाने से यात्री कतरा रहे हैं। शासन प्रशासन भी अक्सर मौसम को देखते हुए यात्रा पर जाने से पहले यात्रियों से ध्यान देने पर जोर देती है। जिससे यात्रियों को किसी प्रकार का नुकसान न उठाना पड़े। इस लिहाज से चारधाम समेत हेमकुंड साहिब में यात्रियों की संख्या करीब डेढ़ से दो हजार तक सिमट रही है।

चारधाम व हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की तिथि

-गंगोत्री--10 मई

-यमुनोत्री--10 मई

-केदारनाथ--10 मई

-बदरीनाथ--12 मई

-हेमकुंड सहिब--25 मई

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