देहरादून ब्यूरो।
सैटरडे सुबह 6.40 मिनट पर मार्कर्स काल के साथ दून स्थित आईएमए प्रांगण में परेड की शुरुआत हुई। कंपनी सार्जेंट मेजर विवेक कुमार, प्रणव, आर्यन सिंह, हिमांशु कुमार, जयेंद्र सिंह व अनिकेत ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। 6.45 मिनट पर एडवांस काल के साथ ही सीना ताने देश के भावी कर्णधार गर्व के साथ कदम बढ़ाते परेड के लिए परेड स्थल तक पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर नीरज सिंह पपोला ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। जेंटलमैन कैडेट्स ने अंतिम पग भरा, तो तीन हेलीकॉप्टरों से पुष्प वर्षा शुरू कर दी। निरीक्षण अधिकारी ने कैडेट्स को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया।
युवा अफसरों को चुनौतियों से पाना होगा पार
युवा अफसरों को अपने संबोधन में रिव्यूइंग अफसर ले। जन। अमरदीप सिंह भिंडर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर इंडियन आर्मी की अपनी अलग साख व पहचान है। सेना की इस परंपरा को बनाए रखने की जिम्मेदारी युवा अफसरों की है। ले।जन। भिंडर ने कैडेट से सैन्य अधिकारी बनने जा रहे नौजवानों से निष्ठा, लग्न व समर्पण के साथ देश सेवा का आह्वान किया। कहा, यह वक्त बेहद चुनौतीपूर्ण है। ऐसे मेंं हर क्षेत्र में पारंगत होकर युवा अफसरों को चुनौतियों से पार पाना होगा। इस दौरान आईएमए के कमांडेंट ले।जन। हरिंदर सिंह, डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल आलोक जोशी समेत कई सीनियर आर्मी अफसर मौजूद रहे।
कमांडिंग-इन-चीफ ने इनको किया सम्मानित
-स्वॉर्ड ऑफ ऑनर- समस्तीपुर (बिहार) के मौसम वत्स
-गोल्ड मेडल - यूएसनगर (उत्तराखंड) के नीरज सिंह पपोला
-कांस्य पदक- मंडी (हिमाचल प्रदेश) के केतन पटियाल
-रजत पदक (टीजी)-दिल्ली के दिगांत गर्ग
-सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट- भूटान के तेंजिन नाम्गे
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यूपी उत्तराखंड का रहा दबदबा
इस बार आईएमए से पास आउट होकर सैन्य अधिकारी बनने वालों में सबसे ज्यादा यूपी के 50 जीसी शामिल रहे। जबकि दूसरे नंबर पर उत्तराखंड के 33, तीसरे पर बिहार के 28, उसके बाद हरियाणा के 25 और महाराष्ट्र के 22 व पंजाब के 21 अधिकारी शामिल रहे। जबकि, सबसे कम अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, मणिपुर व सिक्किम से 1-1 शामिल रहे।