- संसदीय चुनाव के चलते लागू होने से टल सकते हैं बिजली के नए टैरिफ
- इस बार अप्रैल में नहीं लगेगा बिजली के बढ़े बिलों का झटका

देहरादून, (ब्यूरो): दरअसल उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) बिजली निगमों के बढ़ोत्तरी के प्रस्तावों पर सभी औपचारिकताएं पूरी करके हर बार 31 मार्च को बिजली के नए टैरिफ का एनाउंसमेंट करता है, जो 1 अप्रैल से लागू हो जाती है। लेकिन इस बार 31 मार्च से पहले राज्य में संसदीय चुनाव की आदर्श आचार संहिता लगने से प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है, जिससे अगले दो-तीन माह लोगों को बिजली बढ़ोत्तरी से राहत मिल सकती है। यूईआरसी के अफसरों ने बताया कि यदि 31 मार्च से पहले आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होती है, तो 1 अप्रैल से नए रेट लागू करना संभव नहीं हो पाएगा। नए टैरिफ को लेकर आचार संहिता के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

1 अप्रैल से लागू होते हैं नए रेट
हर साल बिजली की रेट बढ़ाने का प्रावधान है। बिजली निगम अपना-अपना घाटा और मुनाफा दिखाकर यूईआरसी को रेट बढ़ाने के प्रस्ताव भेजता है। प्रस्तावों पर यूईआरसी पब्लिक हियरिंग कर बिजली बढ़ाने का 31 मार्च को ऐलान करता है। इसके बाद 1 अप्रैल से नए रेट स्वत: ही लागू हो जाते हैं। लेकिन इस बार 31 को संसदीय चुनाव आदर्श संहिता रहने से प्रक्रिया रुक गई है। बताया जा रहा है कि आचार संहिता के बाद ही बिजली बढ़ोत्तरी की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

32 परसेंट रेट बढ़ाने के प्रस्ताव
इस बार उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने 27 परसेंट रेट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। जबकि पावर ट्रॉसमिशन कॉरपोरेशन (पिटकुल) और उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) ने 5 परसेंट तक के प्रस्ताव दिए हैं। तीनों निगमों ने 32 परसेंट तक बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव आयोग को भेज हैं। कितने रेट बढ़ाए जाने हैं। यूईआरसी इस पर मंथन में जुटा हुआ है।

हियरिंग की प्रक्रिया पूरी
ऊर्जा निगमों के बिजली बढ़ोत्तरी के प्रस्तावों पर यूईआरसी मंथन में जुटा हुआ है। जनवरी से चल रही मार्च में पूरी हो गई है। किस निगम की दरें कितनी बढ़ेंगी यह अभी तय नहीं हो पाया है, लेकिन बताया जा रहा है कि 3 से लेकर 5 परसेंट तक रेट बढ़ाए जा सकते हैं, लेकिन चुनाव के चलते 27 लाख कंज्यूमर्स को कुछ माह बिजली बढ़ोत्तरी के दामों से राहत मिल सकती है।

पिछले साल बढ़े थे 9.64 परसेंट रेट
यूईआरसी ने पिछले साल 2023 में बिजली दरों में 9.64 परसेंट इजाफा किया था। 2022 में करीब 3 परसेंट रेट बढ़ाए गए थे। हर साल बिजली के रेट बढ़ा जा रहे हैं।

बिजली खरीद 9000 करोड़ पार
पिछले साल ऊर्जा निगम ने 8700 करोड़ की बिजली खरीदी। इस साल यह खरीद 9000 करोड़ के पार जाने की संभावना है। इसलिए निगम ने 27 परसेंट बिजली बढ़ोत्तरी का यूईआरसी को प्रस्ताव भेजा है।

9.64
परसेंट बढ़े हैं पिछले साल मार्च में रेट
4042
करोड़ का वित्तीय भार बढ़ गया है यूपीसीएल पर
900
करोड़ हर साल देनदारी है ऊर्जा निगम पर सरकार की
8700
करोड़ की बिजली खरीद रहा हर साल यूपीसीएल
9000
करोड़ के पार हो सकती इस साल बिजली की खरीद
27
लाख कंज्यूमर्स को मिलेगी राहत

बिजली निगमों ने अपने-अपने आय-व्यय के मुताबिक दरें बढ़ाने के प्रस्ताव भेजे हैं। इस पर पब्लिक हियरिंग पूरी हो चुकी है। प्रस्तावों का एनालेसिस किया जा रहा है।
एमएल प्रसाद, मेंबर (टेक्निकल), यूईआरसी