देहरादून, ब्यूरो: तमाम प्रयासों के बाद भी बिजली चोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। बंच केबल बिछने के बाद बिजली चोरी की संभावनाएं बहुत कम होने का अनुमान था, लेकिन बंच केबल लगने के बाद भी बिजली चोरी रुक नहीं रही है। हालांकि विभाग का दावा है कि बिजली चोरी पहले की अपेक्षा काफी घटी है। बिजली चोरी से होने वाला लाइन लॉस घटकर 13.89 परसेंट आ गया है। बताया जा रहा है कि ऊर्जा निगम की विजिलेंस टीम के साथ ही डिविजन स्तर से भी बिजली चोरी पर निगरानी रखी जा रही है। प्रभावी अंकुश के लिए लगातार छापेमार कार्रवाई की जा रही है।

एक्सईएन स्तर से भी निगरानी

बिजली चोरी करने वालों पर ऊर्जा निगम की कार्रवाई जारी है। प्रदेशभर में ऊर्जा निगम की विजिलेंस टीम के साथ ही अधिशासी अभियंता स्तर से भी निगरानी कर कार्रवाई की जा रही है। इस साल सितंबर तक ही 2517 मामले पकड़ में आ चुके हैं। जबकि बीते वर्षों में भी लगातार कार्रवाई कर बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

हर महीने उद्योगों का बिलिंग डाटा एनालाइज

ऊर्जा निगम के डायरेक्टर ऑपरेशन एमआर आर्य ने बताया कि कुछ लोग उद्योगों में बिजली चोरी की अफवाह फैलाकर ऊर्जा निगम की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैैं। खासकर काशीपुर व रुड़की क्षेत्रों के अंतर्गत उद्योगों में विद्युत चोरी के संबंध में तथ्यहीन व भ्रामक आरोप लगाए जा रहे हैं। ऊर्जा निगम की ओर से विगत कई वर्षों से उद्योगों के कनेक्शन की कंज्यूमर सेल (केसीसी) के अंतर्गत बिङ्क्षलग की जाती है और प्रत्येक उद्योग के बिङ्क्षलग के डाटा का विश्लेषण संबंधित अधिशासी अभियंता स्तर पर प्रत्येक महीने किया जाता है।

कब कितने मामले पकड़े गए

4539

मामले पकड़े गए 2019 में

3309

मामले आए 2020 में पकड़ में

3266

मामले पकड़े गए 2021 में

4143

मामले 2022 में पकड़े

4031

मामले 2023 में आए सामने

2517

2024 मामले पकड़े गए सितंबर तक

टीम के साथ की जाती है अभद्रता

लाइन लॉस घटाने के साथ ही निगम बिजली चोरी रोकने को प्रभावी कदम उठा रहा है। उधमसिंह नगर व हरिद्वार जिले बिजली चोरी के लिहाज से संवेदनशील हैं। जिस कारण यहां विद्युत चोरी को रोकने के लिए की गई कार्रवाई के दौरान आए दिन ऊर्जा निगम के कार्मिकों से अभद्रता व हाथापाई की जाती है। जिससे निपटने के लिए पुलिस से सहयोग मांगा जाता है। इस बीच ऊर्जा निगम लगातार ऐसे मामलों में कार्रवाई कर रहा है।

बिजली खरीद में बचाए 66 करोड़

ऊर्जा निगम ने इस बार पावर परचेज पर काफी कंट्रोल किया है। पिछले साल के मुकाबले इस बार करीब 66 करोड़ रुपए बचाए हैं। डायरेक्टर ऑपरेशन एमआर आर्य के मुताबिक पिछले साल बिजली की वितरण प्रणाली में सुधार लाया गया, जिससे पिछले साले के 8633.11 करोड़ के विरुद्ध अब तक 8566.36 करोड़ की पावर पर्चेज की गई है। परसेंट के हिसाब से देखें तो इसमें 0.72 परसेंट की कमी आई है।

रेवेन्यू कलेक्शन भी 12 परसेंट बढ़ा

बिजली बिलिंग सही समय पर वसूली से रेवेन्यू कलेक्शन में करीब इस साल 12 परसेंट की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। पिछले साल 8821.76 करोड़ के सापेक्ष इस साल अब तक 9904.87 करोड़ की वसूली की गई है। जो पिछले साल के मुकाबले करीब 12.28 परसेंट अधिक है।

बिजली चोरी पर पैनी नजर

- इस वर्ष बिजली चोरी के करीब ढाई हजार से अधिक मामले पकड़े गए।

-विजिलेंस के साथ ही अधिशासी अभियंता स्तर पर भी की जा रही निगरानी।

- लगातार छापेमार कार्रवाई से बिजली चोरी में आ रही कमी

- लाइन लॉस भी घटकर 13.89 परसेंट तक पहुंच गया।

- पावर सिस्टम को और मजबूत बनाकर बिजली चोरी पर लगाई जा रही प्रभावी रोक

- बंच केबल के साथ ही फील्ड स्टाफ की जिम्मेदारी की गई फिक्स

- निगम की विजिलेंस टीम कर रही लगातार छापेमार कार्रवाई

बिजली चोरी रोकने के लिए लगातार छापेमार की जा रही है। लाइन लॉस कम करने के भी प्रयास जारी है। रुड़की व काशीपुर में बिजली चोरी को लेकर भ्रामक जानकारियां दी जा रही है। पहले के मुकाबले बिजली चोरी काफी हद तक कंट्रोल में है।

एमआर आर्य, डायरेक्टर ऑपरेशन, ऊर्जा निगम

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