देहरादून (ब्यूरो)। बीते 25 नवंबर को कोतवाली ऋषिकेश में दीपक जुगलान ने शिकायत की थी कि उसकी मैसर्स एसएस कंस्ट्रक्शन कंपनी श्यामपुर के ऑफिस का शीशा व दरवाजा तोड़कर अलमारी के अंदर रखे 30,33,000 रुपये चोरी हो गये हैं। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मौके का बारीकी से निरीक्षण करने के साथ ही आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की क्लिपिंग खंगाली गई। मंडे को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने भट्टोवाला तिराहा, श्यामपुर के पास से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से एक बैग में रखे 22 लाख रुपये, 2 गरम चादर और एक हथौड़ी व एक सूत की रस्सी बरामद की गई। आरोपियों ने अपने नाम दिनेश रावत पुत्र सत्यपाल सिंह रावत, ग्राम हटनाली बनगांव, तहसील चिन्यालीसौड़ जिला उत्तरकाशी, उम्र 24 वर्ष और पंकज पंवार पुत्र शरद सिंह पंवार, ग्राम इन्द्रा टिपरी, तहसील चिन्यालीसौड़ जिला उत्तरकाशी, उम्र 21 बताये हैं।
ऑफिस ब्वॉय था दिनेश
आरोपी दिनेश रावत ने बताया कि वह जनवरी से अगस्त तक कम्पनी में आफिस ब्वॉय का काम करता था। इस दौरान वह बैंक में रुपये जमा करने, निकालने, पेमेन्ट कलेक्ट कर एकाउंटेंट के पास जमा कराता था। फिलहाल वह चाउमीन व मोमो की ठेली आफिस के बाहर मुख्य सड़क पर लगा रहा था। गुजारा न हो पाने के कारण उसने आफिस में चोरी की योजना बनायी। योजना में रिश्ते के साले पंकज को शामिल किया, जो हरिद्वार में एक रेस्टोरेन्ट में काम करता है.23 सितंबर की रात उसने पंकज उससे मिला। उसने पत्नी को पार्टी में जाने की बात कही और दोनों कॉम्पलेक्स के रास्ते छत पर पहुंचे और सीढ़ियों से उतरे। मेन दरवाजे पर लगे सीसीटीवी कैमरे को पोछे से ढक दिया और छत पर ग्रिल से रस्सी बांध कर नीचे लटका दी। उसी के सहारे पहले खिड़की की तरफ लटककर खिड़की की कांच हटाई, जो हाथ से फिसल गया व नीचे गिरकर टूट गई। डर के दोनों छत पर जाकर एक कोने में छिप गये। काफी देर तक कोई नहीं आया तो दोनों रस्सी के सहारे नीचे उतरे और अकाउन्टेन्ट के केबिन का कांच का दरवाजा हथोड़े से तोड़कर दराज में रखी 500 व 2000 रुपये के नोटों की गड्डियां बैग में भर ली। इसके बाद बगल वाले केबिन का कांच का दरवाजा तोड़ा तथा वहां पर भी दराज में रखे लगभग पचास हजार रुपये बैग में भरकर वहां से उसी रास्ते वापस आ गये। इसके बाद दोनों कॉम्प्लेक्स से नीचे आकर रेलवे पटरी से होकर अपने कमरे के पीछे पहुंचे और रुपयों से भरा बैग व अन्य सामान छिपा दिया। चोरी की सूचना मिलने के बाद पुलिस आस पास घूम रही थी जिससे डरकर दिनेश अपने परिवार को लेकर अपने गांव आ गया। 27 नवंबर को पंकज भी उसके पास आ गया। मंडे दोनों चोरी के रुपये लेने वापस आये। इन रुपयों में से 15 लाख रुपये दिनेश ने रखे और 7 लाख रुपये पंकज को दिये। इसके बाद पुलिस ने उनका भांडा फोड़ दिया।