- एमडीडीए के ड्रीम प्रोजेक्ट इंदिरा मार्केट रि-डेवलपमेंट का मामला
- कॉम्पलैक्स का निर्माण कर रहे दो ठेकेदारों के बीच विवाद, काम लटका

देहरादून (ब्यूरो): पीपीपी मोड में बन रहे करीब 240 करोड़ के प्रोजेक्ट का काम पिछले दो माह से पूरी तरह से बंद है। जबकि एमडीडीए को 24 माह में यह काम पूरा करना है, लेकिन छह माह बीतने के बाद भी बुनियाद तक नहीं खोदी जा सकी। इधर, व्यापारी परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग कर रहे हैं। प्रभावित व्यापारियों का कहना है कि उनका व्यवसाय खत्म हो गया है। यदि प्रोजेक्ट जल्दी तैयार नहीं होता है, तो उनके सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो जाएगी। उधर, एमडीडीए अधिकारियों, ठेकेदारों की राजपुर विधायक की मध्यस्थता में बैठक हुई, जिसमें ठेकेदार को 144 घंटे में काम शुरू की वार्निंग दी गई है। तय डेडलाइन तक काम शुरू न करने पर ठेकेदार को काम छीनने को भी चेताया गया।

काम लटकने का ये है कारण
बताया जा रहा कि जो ठेकेदार कॉम्पलैक्स का निर्माण कर रहा है उनके द्वारा दूसरे ठेकेदार को कार्य सबलेट किया गया है। जो कार्य थर्ड पार्टी ने किया है उसका करीब 1.50 करोड़ रुपये का मुख्य ठेकेदार पर बनता है, जिसका भुगतान न होने पर ठेकेदार ने काम बंद कर दिया है।्र करीब दो माह से काम बंद है। काफी सुलह के बाद भी दोनों के बीच बात नहीं बन पा रही है। दूसरे ठेकेदार ने पिछले दो माह से काम बंद कर रखा है।

विधायक की मध्यस्थता में मीटिंग
बताया जा रहा है कि क्षेत्रीय विधायक खजान दास की मध्यस्थता में बैठक बुलाई गई, जिसमें ठेका कंपनी, काम का रहे ठेकेदार और एमडीडीए के अधिकारी भी मौजूद रहे। मीटिंग में यह निकल कर आया कि लेन-देन ठेकेदारों का आपसी मामला है, जिसे जल्द से जल्द निपटाया जाए। दोनों के बीच करीब 1.50 करोड़ लेन-देन का मामला बताया जा रहा है। ठेका कंपनी मामले को सुलझाने के लिए कुछ समय की मोहलत मांगी। आखिरी में ठेका कंपनी ने एक सप्ताह की मोहलत मांगी, जिसके बाद 18 अप्रैल तक काम शुरू न करने पर काम दूसरे ठेकेदार को देने की चेतावनी दी। इसके बाद एमडीडीए 20 अप्रैल के बाद प्रोजेक्ट निर्माण से ठेका कंपनी को हटाने की कार्रवाई शुरू कर कॉम्पलैक्स निर्माण को नई टेंडर जारी करेगा।

निर्माण स्थल पर बढ़ाई सिक्योरिटी
निर्माण स्थल को पूर्व में ही चारों तरफ से 10 फीट ऊंचाई तक बैरिकेडिंग किया गया है। ट्यूजडे को थर्ड पार्टी के कर्मचारियों ने कार्य स्थल से मशीनें ले जाने लिए खोल रहे थे। दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम जब मौके पर पहुंची, तो वहां हड़कंप मच गया। इस बारे में बात की गई, तो एमडीडीए के भी कान खड़े हो गए। चंद घंटे में कार्यस्थल पर 4 और गार्ड तैनात किए गए। अधिकारियों ने कहा कि कोई मशीन नहीं ले जा सकता है। जल्द काम शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है।

दुकानें टूटने से दो दर्जन दुकानदार बैठे घर
इंदिरा मार्केट परिसर में पुराने बस अड््डे परिसर से करीब दो दर्जन दुकानें तोड़ी गई थी, वह दुकानदार घर बैठ जल्द से जल्द दुकानें मिलने की राह ताक रहे हैं। इन व्यापारियों कहना है कि एमडीडीए ने हमारी दुकानें तोड़कर हमसे हमारा व्यवसाय छीन लिया है। अब दुकानों को बनाने में ड्रामेबाजी हो रही है। हमारे सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कॉम्पलैक्स में 655 दुकानदारों को बसाया जाना है।

क्या कहते हैं प्रभावित व्यापारी

एमडीडीए ने 14 माह में दुकान देने की बात कही थी, लेकिन 6 महीने बीत गए अभी तक फाउंडेशन तक नहीं खोदी गई। ऐसे में नहीं लग रहा है कि एमडीडीए तय समय पर हमें दुकानें हैंडओवर कर पाए।
गिरीश धस्माना, व्यापारी

मेरा कपड़ों का व्यापार है। एमडीडीए द्वारा निर्माण स्थल पर बैरिकेडिंग की गई है, जिससे पार्किंग के लिए जगह नहीं बची है। पार्किंग न होने लोग दुकान पर नहीं आते। मेरा पूरा व्यवसाय चौपट हो गया है।
प्रदीप तोपवाल, व्यापारी

हमें ठेकेदारों के लड़ाई झगड़े से कोई मतलब नहीं है। हमें दुकान के बदले जल्द दुकान चाहिए। एमडीडीए ने जिस तेजी के साथ दुकानें तुड़वाई उसके बाद निर्माण में इतनी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।
अनिल कुमार

हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। घर का खर्च ही नहीं बच्चों की फीस तक हम नहीं दे पा रहे हैं। हम चाहते हैं कि एमडीडीए शीघ्र दुकान मुहैया कराए, ताकि हम पूर्व की भांति अपना घर चला सकें।
मोहम्मद इमरान

इस प्रोजेक्ट के लिए मैं शुरू से ही प्रयासरत रहा हूं। ठेकेदारों के झगड़े में ्रप्रभावित दुकानदारों का नुकसान हो रहा है। इसलिए ठेका कंपनी को 18 अप्रैल तक काम शुरू करने की मोहलत दी गई है। इसके बाद ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और निर्माण कार्य के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।
खजान दास, विधायक, राजपुर
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