- स्टार्टअप पॉलिसी 2023 के तहत अगले 5 का टारगेट तय
- राज्य में 30 इन्क्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे, हर जिले में कम से कम एक सेंटर होगा स्थापित
देहरादून (ब्यूरो): इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक दून समेत अलग-अलग जिलों में 152 स्टार्टअप को सरकार ने मान्यता दे दी है। इनमेें से रजिस्टर्ड कुछ स्टार्टअप ने रन करना भी शुरू कर दिया है, जबकि कुछ स्टार्टअप आखिरी स्टेट में है। खास बात यह है कि सरकार ने नई उत्तराखंड स्टार्टअप नीति-2023 के तहत 1000 स्टार्टअप रन करने का टारगेट है। स्टार्टअप को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार 1 लाख से लेकर 1 करोड़ तक प्रति स्टार्टअप को वित्तीय प्रोत्साहन दे रही है। इससे नवाचार को नई दिशा मिलेगी। 40 से अधिक स्टार्टअप उद्यमों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया गया है।
नई पॉलिसी लॉन्च
सरकार ने स्टार्टअप पॉलिसी-2018 को समाप्त कर उत्तराखंड स्टार्टअप पॉलिसी-2023 जारी की है। नई पॉलिसी में कुछ नए प्रावधान जोड़े और कुछ हटाए गए हैं। अधिक से अधिक युवा पॉलिसी से प्रोत्साहित हो इसके लिए उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन राशि को भी बढ़ाया गया है। अब मान्यता प्राप्त स्टार्टप्स को 10 लाख तक एकमुश्त सीड फंडिंग दी जाएगी जबकि एसटी-एसटी, दिव्यांग, ट्रांसेंडर और ग्रासरूट नवाचारों पर आधारित स्टार्टअप्स को 12.50 लाख तक की सहायता कर रही है। इसके अलावा पेटेंट के लिए 1 लाख और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 5 लाख की प्रतिपूर्ति सहायता दी जा रही है। हालांकि पिछले पांच साल में इन पांच जिलों बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में एक भी स्टार्टअप शुरू नहीं हुआ है। सबसे अधिक दून में 98 स्टार्टअप को मान्यता मिली है। इसके बाद हरिद्वार के 15, नैनीताल और यूएसनगर में 11-11, पौड़ी में 9 और अल्मोड़ा में 4, चमोली 2 और टिहरी के एक स्टार्टअप को मान्यता मिली है।
रोजगार के अवसर होंगे पैदा
उद्योग निदेशालय के उप निदेशक राजेंद्र कुमार ने बताया कि स्टार्ट केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना के जरिए युवाओं को खुद के रोजगार के साथ ही बड़े स्तर पर दूसरों को रोजगार दिलाना है। राज्य में लगातार स्टार्टअप बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि राष्ट्रीय स्तर पर स्टार्टअप रैकिंग-2021 में उत्तराखंड को लीडर के रूप में मान्यता दी गई है। स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिए सरकार एक लाख से लेकर 1 करोड़ तक प्रोत्साहन राशि दे रही है। नई पॉलिसी में केंद्र सरकार ने मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स और छात्र उद्यमियों के स्टार्टअप्स को 15 हजार प्रतिमाह का एक साल तक मासिक भत्ता देने का प्रावधान किया है। जबकि एससी-एसटी के लिए यह राशि 20 हजार रुपये है। साथ ही 10 लाख तक एकमुश्त फंडिंग की सुविधा दी जा रही है। हर साल 10 श्रेष्ठ इनोवेटिव आइडियाज का चयन किया जाता है।
कहां कितने स्टार्टअप्स
जिले का नाम 18 19 20 21 22 23
देहरादून 8 35 18 7 26 5
अल्मोड़ा - 1 - 2 1 -
बागेश्वर - - - - - -
चमोली - - 1 - 1 -
चंपावत - - - - - -
हरिद्वार 3 5 3 2 2 -
नैनीताल 1 2 2 1 3 2
पौडी - 5 - 1 2 1
पिथौरागढ़ - - - - - -
रुद्रप्रयाग - - - - - -
टिहरी - - - - 1 -
यूएस नगर 1 5 - 1 4 -
उत्तरकाशी - - - - - -
जनपदवार मान्यता प्राप्त स्टार्टअप
जिले का नाम कुल स्टार्टअप
देहरादून 99
हरिद्वार 15
यूएस नगर 11
नैनीताल 11
पौड़ी 09
अल्मोड़ा 04
चमोली 02
टिहरी 01
टोटल 152
स्र्टाटअप पॉलिसी के तहत नवाचारी प्रोडक्ट्स के लिएहर संभव मदद की जा रही है। हर साल सर्वश्रेष्ठ नवाचारी विचारों को का चयन किया जा रहा है। पिछले साल आयोजित स्टार्टअप बूट कैंप में 1300 युवाओं ने प्रतिभाग किया है।
राजेंद्र कुमार, उप निदेशक, उद्योग निदेशालय
सरकार की स्टार्टअप पॉलिसी बहुत ही अच्छी पहल है। अभी योजना शुरुआती दौर में है, लेकिन इसे अभी और बड़े स्तर पर प्रमोट करने की जरूरत है। सरकार को नवाचारों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करना चाहिए।
अनिल मार्वा, कोऑर्डिनेटर, फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन सेंटरों की अहम भूमिका होती है। इसलिए सरकार को हर जिले में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने चाहिए, ताकि नवाचारियों से आसानी से कोऑर्डिनेशनहो सके। सरकार की यह पहल अच्छी है।
महेश शर्मा, इंडस्ट्रिलिस्ट
एक नजर
152 स्टार्टअप को दी गई मान्यता
37 शीड फंड स्टार्टअप
13 रजिस्टर्ड इन्क्यूबेटर्स
15 हजार हर माह प्रोत्साहन राशि
5 लाख तक पेटेंट के लिए सहायता
1 करोड़ तक वित्तीय प्रोत्साहन
1000 स्टार्टअप 2028 तक का रजिस्टर करने का है टारगेट
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