- पिटकुल ने आखिरी 220 केवी की जाफरपुर-रुद्रपुर ट्रांसमिशन लाइन को किया सुचारू
- चंपावत जिले की जनता को मिलेगी पावर कट से बड़ी राहत, 120 केवी पिथौरागढ़-लोहाघाट ट्रांसमिशन लाइन भी ऊर्जीकृत

देहरादून (ब्यूरो): किसानों के विरोध के कारण इस विद्युत लाइन का कार्य काफी समय से अटका हुआ था। वहीं, 6 साल से रुके पिथौरागढ़-चंपावत ट्रांसमिशन लाइन का कार्य भी पूरा करके ऊर्जीकरण कर दिया गया है। इससे चंपावत जिले की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ होगी। लोगों को पावर कट और लो वोल्टेज से बड़ी राहत मिलेगी। दोनों अहम प्रोजेक्टों को समय पर पूरा करने के लिए सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी ने पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी की पीठ थपथपाई।

सीएम से की भेंट
पिटकुल के प्रबंध निदेशक ने बताया कि पिटकुल की ओर से 220 केवी जाफरपुर-रुद्रपुर रेलवे लाइन और 132 केवी पिथौरागढ़-लोहाघाट चंपावत लाइन को ऊर्जीकृत कर दिया गया है। जिस पर रविवार को पिटकुल प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी ने अपनी टीम के साथ सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी से भेंट की और उन्हें पुष्पगुच्छ प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर पिटकुल कार्मिकों की पीठ थपथपाई। एमडी पीसी ध्यानी नेे मुख्य सचिव एसएस संधु, पिटकुल की अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और सचिव ऊर्जा मीनाक्षी सुंदरम के मार्गदर्शन में कार्य पूर्ण होने के लिए आभार व्यक्त किया है।

विरोध पर पिटकुल ने बदला लाइन रूट
जाफरपुर-रुद्रपुर रेलवे ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कार्य किसानों के भारी विरोध और विषम परिस्थितियों के कारण काफी समय से लंबित था। जिस कारण से परियोजना पूर्ण नहीं हो पा रही थी। पिछले साल पिटकुल ने अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण, अनुश्रवण और लाइन निर्माण के लिए आवश्यक लाइन के रूट परिवर्तन का निर्णय कर निर्माण कार्य की गति तेजी की। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना के तहत रेलवे लाइन के विद्युतीकरण को लगातार प्रयास किए जा रहे थे। केंद्र सरकार की ओर से भी लगातार अनुश्रवण किया जा रहा था। इस परियोजना के पूर्ण होने से उत्तराखंड में रेलवे विद्युतीकरण का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। इस लाइन की लंबाई 10.13 किमी। है। लाइन में करीब 39 टॉवरों का निर्माण किया गया है। इसके निर्माण पर 9.89 करोड़ खर्च हुए हैं। इससे रेलवे के रुद्रपुर ट्रेक्सन सब स्टेशन को उच्च गुणवत्ता की निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिलेगी, जिससे डीजल इंजन के स्थान पर अब विद्युत ऊर्जा से रेलों का संचालन किया जाएगा।

ट्रांसमिशन लाइन का काम समय से पहले पूरा
करीब 42 किमी लंबी 132 केवी पिथौरागढ़-लोहाघाट चंपावत पारेषण लाइन का निर्माण कार्य विगत 6 वर्ष से लंबित था। पिटकुल के प्रयासों से इस महत्वकांक्षी परियोजना को संशोधित तय तिथि से पहले पूर्ण कर लिया गया। इस परियोजना के पूर्ण होने से चंपावत जिले में लो-वोल्टेज और ट्रिङ्क्षपग की समस्या से निजात मिलेगी। साथ ही 33 केवी लाइन के ब्रेकडाउन और लाइन-लॉस में कमी आएगी। साथ ही उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिल सकेगी। इस परियोजना के निर्माण पर 50 करोड़ खर्च हुए हैं।

ये रहे मौजूद
चीफ इंजीनियर इला चंद्र, कंपनी सचवि अरूण कुमार सभरवाल, डीजीएम वित्त मनोज कुमार, एसई पंकज चौहान, संतोष कुमार, सायमा कमाल, उप मुख्य कार्मिक अधिकारी, विवेकानंद, अधिशासी अभियंता मीनाक्षी भारती, बलवंत सिंह पांगती और राजीव सिंह आदि मौजूद रहे।
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