- 2013-14 में काम शुरू, फिर एसटीपी के लिए बजट का रोड़ा, अब मानसून ने दिया दगा
- एक दशक से नहीं बन पाई कौलागढ़ में सीवर लाइन, स्थानीय लोगों को नहीं मिल पाया लाभ

देहरादून (ब्यूरो): इसकी बड़ी वजह ये रही कि बाजावाला इलाके में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी)बनना था, बजट पूरा नहीं हो पाया और लोग के सीवर कनेक्शन एसटीपी तक से नहीं जुड़ पाए। अब स्थिति ये है कि करोड़ों की कीमत से बने सीवर लाइन बारिश में मानसून की भेंट चढ़ गई। जिसको लेकर स्थानीय लोग हताश व मायूस नजर आ रहे हैं। इलाके की आबादी करीब 15 हजार है, अब लोग इसको लेकर सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा बयां कर रहे हैं।

इन इलाकों पर ज्यादा असर
-कौलागढ़
-बाजावाला
-नींबूवाला
-मसंदावाला

वर्षों से राह तक रहे थे स्थानीय लोग
स्थानीय लोगों के अनुसार कौलागढ़ वार्ड में वर्ष 2013-14 में पेयजल निगम की ओर से करीब 14 करोड़ रुपए की लागत से 13वें वित्त वर्ष में सीवर लाइन डालने का कार्य किया गया। पेयजल निगम ने वर्ष 2014-15 में सीवर लाइन डालने कार्य तो पूर्ण कर लिया गया। लेकिन, बाजावाला इलाके में प्रस्तावित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नहीं बनाया जा सका। कौलागढ़ वार्ड के लोगों द्वारा जब पेयजल निगम से घरों के सीवर कनेक्शन कब तक जुड़ेंगे के बावत जानकारी ली तो पेयजल निगम की ओर से जवाब मिला कि बजट खत्म हो गया। स्थानीय लोगों के अनुसार ये भी स्पष्ट किया गया कि जब तक एसटीपी नहीं बन जाता, तब तक इलाके में सीवर लाइन कनेक्शन नहीं जोड़े जा सकते।

सड़क टूट गई, सीवर की लाइन बिखर गई
स्थानीय निवासी व सोशल एक्टिविस्ट विनोद जोशी के मुताबिक वर्ष 2020-21 में अमृत योजना के तहत दोबारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का टेंडर फ्लोट हुआ। इसके बाद काम शुरू हुआ। लेकिन, उस काम की रफ्तार भी धीमी रही और आज तक ये कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इसी बीच इस मानसून ने सब कुछ चौपट कर दिया है। लगातार बारिश से इलाके में सुरक्षा दीवार बह गई। जिस पर स्थानीय लोग मायूस व उदास नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि वे 10 वर्षों से अपने घरों से सीवर लाइन कनेक्शन जुडऩे का सपना देख रहे थे। लेकिन, बारिश से कौलागढ़ के बाजावाला इलाके में लैंडस्लाइडिंग से न केवल सड़क खत्म हो गई, सीवर लाइन के पाइप भी बिखर गए हैं। कौलागढ़ निवासियों ने इसको देखते हुए सोशल मीडिया पर अपनी समस्या बयां की है।

हमारे तो विकास के सपने ही बिखर गए
पहले तो कछुवे की चाल से सीवर लाइन का काम हुआ। फिर अटक गया और अब बारिश के पानी में सब कुछ बह गया। अब आगे क्या होगा, इस पर संशय बना हुआ है। इसी के साथ कौलागढ़ वार्डवासियों के सपने में बिखर गए हैं।
-विनोद जोशी, सोशल एक्टिविस्ट।

जब सीवर लाइन डाली गईं थी। तब लोगों में खुशी थी। लेकिन, 10 वर्ष बाद भी सीवर कनेक्शन न मिलने पर खुशियां चेहरों से गायब हो गई हैं। अब आगे क्या होगा, किसी को मालूम नहीं।
-बलवंत कठैत

10 साल बाद भी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार न हो पाना किसी हैरानी की बात से कम नहीं है। इस बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी ऐसा लगता है कि जनता से कोई मतलब नहीं रह गया है।
-भुपेंद्र सिंह राणा

13वें वित्त वर्ष में 14 करोड़ रुपए ट्रीटमेंट प्लांट सहित पूरी सीवर लाइन के लिए स्वीकृत किए गए थे। लेकिन, बिना एसटीपी बने ये बजट कहां गया, पता नहीं। दोबारा प्लांट के लिए अमृत योजना से बजट स्वीकृत भी हुआ। स्थिति स्पष्ट नहीं है
-रतन सिंह रावत
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