वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के राजनी 'टीÓ कैंपेन से लगातार यंगस्टर्स जुड़ रहे हैं। बुधवार को कैंपेन भोजूबीर पहुंचा। वहां सोनकर कटरा में आगामी आम चुनाव में कौन से मुद्दे होंगे। इस पर यंगस्टर्स ने जोरदार तरीके से अपनी बात रखी। किसी ने बेरोजगारी पर सरकार को घेरा। किसी ने बिहार की तर्ज पर पूरे देश में जातिगणना की वकालत की। इसी बीच किसी ने ऑनलाइन वोटिंग नहीं, बल्कि पुराने पैटर्न बैलेट से चुनाव कराने पर भी जोर दिया। मौजूदा शिक्षा प्रणाली और एजुकेशन क्वालिटी से आप कितने संतुष्ट हैं, दुनिया की नामी यूनिवर्सिटीज के कैंपस भारत में भी खोलने की बात चल रही है, लड़कियों-महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर मौजूदा कानून पर्याप्त हैं जैसे तमाम मुद्दों पर चाय के साथ खुलकर परिचर्चा हुई।
रोजगार के लिए परेशान
राजनी 'टीÓ कैंपेन में यंगस्टर्स ने कहा कि आगामी आम चुनाव में बेरोजगारी ही बड़ा मुद्दा होगा। बनारस समेत पूरे प्रदेश में रोजगार के लिए हर युवा परेशान हैं। पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए युवाओं ने काफी मेहनत की थी। नौकरी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार की लापरवाही से पेपर आउट हो गया और युवाओं के सपने टूट गए। हालांकि सरकार तमाम दावें करती है, लेकिन हकीकत में वह दिखता नहीं है। हत्या, लूट समेत गंभीर अपराध से जुड़े अपराधियों पर सरकार का एक्शन तो दिखता है, लेकिन पेपर लीक करने वालों पर कार्रवाई का इंतजार है। इस पर सरकार की मंशा साफ होनी चाहिए। युवा वर्ग कब तक बेरोजगारी का दंश झेलता रहेगा.
महंगाई सरकार की जिम्मेदारी
परिचर्चा के दौरान युवाओं ने महïंगाई का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया। नौकरी मिल नहीं रही है, महंगाई बेलगाम बढ़ रही है। महंगाई रोकने की जिम्मेदारी सरकार की होती है, लेकिन इस पर सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। जीएसटी के मद में जबर्दस्त कलेक्शन हो रहा है। गरीबों को फ्री में अनाज मिल रहा है। विकास कार्य भी हो रहे हैं, लेकिन महंगाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों ने कहा कि पिछले दस साल में महंगाई कई गुना बढ़ गई है। कोई ऐसी चीज नहïीं, जिसका दाम न बढ़ा हïो। अनाज, तेल, रिफाइंड, गैस, सरसों तेल, ड्राई फूड के दाम हïर दिन रिकॉर्ड तोड़ रहïे हïैं। सरकार कंट्रोल करने की बजाय सिर्फ तर्क दे रहïी हïै.
लोकतंत्र से खिलवाड़
देश में डिजिटल प्लेटफार्म तेजी से पांव पसार रहा है। घर बैठे ही जरूरत के हर सामान उपलब्ध हो रहा है। यही वजह है कि ऑनलाइन शॉपिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में वोटिंग भी ऑनलाइन होनी चाहिए। इस सवाल पर यंगस्टर्स गुस्सा हो गए। ईवीएम पर लगातार सवाल उठ रहा है। ऐसी स्थिति में ऑनलाइन वोटिंग लोकतंत्र के लिए खतरा होगी। ईवीएम से छेड़छाड़ की वीडियो अक्सर वायरल होती है। हर चुनाव में ईवीएम हैक होने की खबरें भी आती हैं। ऐसे में पुरानी पद्धति यानी बैलेट से चुनाव कराने की प्रक्रिया अच्छी थी। उस समय सबसे बड़ी व्यवधान सुरक्षा को लेकर थी, जो अब हाईटेक हो चुकी है। सीसीटीवी की निगरानी में बैलेट से चुनाव कराया जा सकता है।
इस सवाल पर बंटे दिखे
युवा वर्ग ने दागी कैंडिडेट पर खुलकर अपने विचार रखे। यंगस्टर्स ने कहïा कि किसी भी कीमत पर अपराधी या गलत कैंडिडेट को वोट नहïीं देंगे। कुछ ने पार्टी तो कुछ ने कैंडिडेट को वोट देने की वकालत की। पीएम मोदी के नाम पर ऐसे लोग भी जनप्रतिनिधि बन जाते हैं, जो इसके लिए योग्य नहीं होते हैं। इसलिए राजनैतिक पार्टियों को दागी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने से बचना चाहिए। विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए कई बार गलत आदमी को वोट देना पड़ता है। ऐसे लोग क्षेत्र व समाज का विकास नहïीं करते हïैं.
बिहार की तर्ज पर पूरे देश में जातिगणना होनी चाहिए। 1931 में जातिगणना हुई थी। जातिगणना होने से एक्चुअल फिगर सामने आ जाएगा। फिर जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी ही भागीदारी होगी। संख्या कम होने के बावजूद कुछ खास वर्ग का विकास हो रहा है.
चंदन विश्वकर्मा
बदलते दौर में नई शिक्षा नीति बहुत ही कारगर है। विदेशी यूनिवर्सिटी की शाखाएं देश में खुलने से क्वालिटी एजुकेशन का दौर शुरू होगा। अच्छी पढ़ाई के लिए युवाओं को विदेश नहीं जाना पड़ेगा। यानी कम पैसे में अच्छी शिक्षा का सपना साकार होगा.
दिग्विजय कुमार
देश में बेरोजगारी की समस्या सबसे बड़ी है। आने वाले चुनाव में यह मुद्दा जरूर होगा। पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर युवाओं ने काफी मेहनत की थी। नौकरी के सपने भी देख रहे थे, लेकिन पेपर लीक ने पानी फेर दिया। इसके लिए सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार है.
अभिषेक विश्वकर्मा
ऑनलाइन वोटिंग लोकतंत्र के लिए खतरा होगा। ईवीएम से छेड़छाड़ के वीडियो अक्सर वायरल होते हैं। ऐसे में पुरानी पद्धति यानी बैलेट से चुनाव कराने की प्रक्रिया अच्छी होगी। हाईटेक युग में सीसीटीवी की निगरानी में बैलेट से चुनाव कराया जा सकता है।
राकेश कुमार
महïंगाई चरम पर हïै। हïम उसी सरकार को चुनेंगे, जो बुनियादी जरूरतों पर काम करेगी। गैस, राशन, तेल समेत हर चीजों के दाम बढ़ रहïे हïैं। विकास के खूब वादे किए जाते हïैं, लेकिन हïकीकत कुछ और हïै।
अश्विनी चक्रवाल
वूमेन सेफ्टी के लिए जो भी कानून है, वह पर्याप्त नहीं है। सड़कों पर आए दिन बहन-बेटियों से छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हंै। इसे लेकर पुलिस को मूवमेंट बढऩी चाहिए। कानून इम्प्लीमेंट सख्ती के साथ करने की जरूरत है। हेल्पलाइन पर कॉल का रिस्पांस भी मिलना चाहिए।
दिनेश दीनू