वाराणसी (ब्यूरो)दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत नगरी काशी में धार्मिक यात्राओं का विशेष महत्व हैउत्तर प्रदेश की योगी सरकार काशी की इन्हीं 10 पवन पथ यात्राओं में 100 भव्य स्तंभों का निर्माण कराने जा रही हैये स्तंभ हर पावन पथ की अलग-अलग यात्रा और मंदिरों की पहचान के रूप में स्थापित होंगेइसे देखते ही उस यात्रा के मंदिरों की पहचान आसानी से की जा सकेगी

ये हैं 10 पावन पथ यात्राएं

पावन पथ सर्किट में कुल दस यात्राएं शामिल हैंपौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसके अंतर्गत अष्ट भैरव यात्रा, नौ गौरी यात्रा, नौ दुर्गा यात्रा, अष्टविनायक यात्रा, अष्ट प्रधान विनायक यात्रा, एकादश विनायक यात्रा, द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा, काशी विष्णु यात्रा, द्वादश आदित्य यात्रा और काशी चार धाम यात्रा शामिल हैंइसमें पौराणिक महत्व के 120 मंदिर मौजूद हैं

दूर से ही मंदिरों की होगी पहचान

पावन यात्रा के दौरान अब इन मंदिरों को दूर से ही पहचाना जा सकता हैइसके लिए हर यात्रा से संबंधित स्तंभ लगाया जा रहा हैरेड एंड व्हाइट स्टोन से निर्मित स्तंभ की ऊंचाई करीब 12 से 15 फिट के बीच होगीसभी स्तंभों की स्थापत्य कला वाराणसी के ही मंदिरों से मिलती जुलती है

विराजित होंगे देवी-देवता

द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा में स्तंभ पर नंदी और शिवलिंग, नवदुर्गा यात्रा में दुर्गा, द्वादश आदित्य ज्योतिर्लिंग में स्तंभों पर सूर्य, विनायक की अलग-अलग यात्रा में स्तम्भों पर गणेश जी की मूर्ति मिलेगीमंदिरों में उपलब्ध जगह के अनुसार 100 स्तंभ और गेट लगाए जा रहे हैंगेट भी यात्रा विशेष की पहचान बताएंगेलाइट, कूड़ेदान, बैठने के लिए बेंच, पीने का साफ पानी, फ्लोरिंग आदि का काम हो रहा है.

प्रवेश के साथ जानकारी

काशी की सीमा में प्रवेश करते ही आपको पावन पथ सर्किट की सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगीइसके लिए पाथवे फाइंडर, इनफार्मेशन साइनेज भी लगाए जा रहे हैंपावन पथ परियोजना पर लगभग 24.35 करोड़ खर्च होंगेइस योजना को दिसंबर 2023 तक मूर्त रूप देने का लक्ष्य है.

काशी में प्रवेश करते ही पावन पथ सर्किट की सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगीस्तंभ देखकर दूर से ही मंदिरों की पहचान भी हो जाएगीइस परियोजना पर 24.35 करोड़ खर्च होंगेइसे अगले साल दिसंबर तक मूर्त रूप देने का टारगेट है.

विनय जैन, परियोजना प्रबंधक, यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड